इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च द्वारा हाल ही में जारी की गयी एक रिपोर्ट के अनुसार यदि जिओ इसी प्रकार बढ़ता रहा और कोई और प्रदाता अच्छी योजना के साथ उसकी प्रतिस्प्रधा नहीं कर पाया तो जिओ जल्द ही शुरू होने वाले वित्तीय वर्ष 2020 मीम मार्किट लीडर बनकर उभर सकता है।
रिपोर्ट का विवरण :
इंडिया रेटिंग्स द्वारा जरी की गयी रिपोर्ट में लिखा था की यदि जिओ इसी तरह अपनी पालिसी से और गति से बढ़ता रहा तो वोडाफोन और एयरटेल अपने ज़्यादातर ग्राहक जिओ को दे बैठेंगे और जल्द ही जिओ टेलिकॉम इंडस्ट्री का बादशाह बन जाएगा।
यदि एयरटेल और वोडाफोन अपने प्लान के मूल्य कम भी कर देते हैं तो भी इस साल वे पिछले दो सालों में हुई हानि की भरपाई नहीं कर पायेंगे। अतः एयरटेल एवं वोडाफोन आईडिया को कोई रचनात्मक योजना बनाने की ज़रुरत है जिससे ग्राहक टिके रहें एवं आय प्रति ग्राहक में बढ़ोतरी हो।
इस साल एयरटेल वोडाफोन डूबे रहेंगे कर्ज में :
इंडिया रेटिंग्स ने बताया की कैपेक्स की प्रतिबद्धताओं को देखा जाए तो एयरटेल वोडाफोन जैसे प्रदाताओं को पुनर्वित्त की आवश्यकताएं अधिक रहेंगी। परिणामस्वरूप, 2019-20 में मुफ्त नकदी प्रवाह नकारात्मक रहेगा। चालू वित्त वर्ष के अंत में भारती, वोडा-आइडिया और आरजियो का कुल शुद्ध ऋण लगभग 3 ट्रिलियन रुपये होने का अनुमान है। इसके चलते टेलिकॉम प्रदाताओं को इक्विटी इन्फुज और एसेट मॉनेटाइजेशन की ज़रुरत अधिक होगी।
अतः ये प्रदाता अब अपने प्लान का मूल्य कम करने पर केन्द्रित होने की बजाय ARPU पर ध्यान देंगे। बता दें की ARPU का मतलब औसत आय प्रति ग्राहक है।
एआरपीयू होगा लाभ का सूचक :
4 जी ग्राहकों की हिस्सेदारी, जो उच्च एआरपीयू की पेशकश करते हैं, एक महत्वपूर्ण लाभप्रदता संकेतक होगा और राजस्व बाजार में हिस्सेदारी इसके अनुसार ही विकसित होगी। इसके साथ रेटिंग ने बताया की कुल सब्सक्राइबर्स की संख्या में बढ़ोतरी होने का कोई अनुमान नहीं है। इसमें कमी ज़रूर आ सकती है क्योंकि अब ग्राहक एक सिम रखने लगे हैं।
दूसरी छमाही में होगा एआरपीयू में सुधार :
इस रिपोर्ट में बताया गया है की हालांकि पहली छमाही में सुधार नहीं होगा लेकिन दूसरी छमाही में एयरटेल के एआरपीयू में सुधार देखने को मिलेगा क्योंकि एयरटेल ने न्यूनतम रिचार्ज प्लान शुरू किये हैं। 5G स्पेक्ट्रम के भी इसी साल आने की उम्मीद है लेकिन ग्राहकों से उसे ज़्यादा सहारा नहीं मिलेगा क्योंकि अभी उसके लिए कोई तैयार नहीं है और तकनीक भी उन्नत नहीं है।