जैसा की बजट के संबंध में घोषणा की जा चुकी है की यह 1 फरवरी को रेलमंत्री पियूष गोयल द्वारा घोषित किया जाएगा। विभिन्न सेक्टरों की इस बजट से विभिन्न आशाएं हैं। वित्त आवंटन को लेकर सभी सेक्टर व्यथित हैं एवं इस बजट की घोषणा से अच्छी खबर की आस लगाए हुए हैं।
शिक्षा सेक्टर का हाल :
देश में शिक्षा और बेरोजगारी से युवाओं के बीच फैला असंतोश साफ़ दिखाई दे रहा है। ऐसे में कोटा और आरक्षण लागू करने से ही इस समस्या का हल नहीं होगा।
हाल ही में हरियाणा के एमपी द्वारा यह बताया गया था की राज्य में मास्टर डिग्री और पीएचडी करे हुए लोग भी सरकारी विभागों में पियन के पद पर भर्ती के लिए आवेदन कर रहे है। इसके कारण वे अब हरियाणा में केवल हरियाणा के लोगों के लिए सरकारी और निजी सेक्टर में नौकरियों के लिए 75 प्रतिशत आरक्षण मांग रहे हैं।
शिक्षा सेक्टर की बजट 2019 से अपेक्षाएं :
शिक्षा क्षेत्र के कुछ लोग जहां बजट से ज्यादा आवंटन की आशा कर रहे हैं वहीँ कुछ लोगों का मानना है की अकेले अधिक आवंटन से ही शिक्षा क्षेत्र में सुधार नहीं हो पायेगा। सुधार के लिए शिक्षा क्षेत्र में प्रैक्टिकल नॉलेज देना बहुत अधिक ज़रूरी है तभी युवाओं में व्यवहारिक विकास होगा एवं वे कार्य में अधिक कुशल होंगे।
शैक्षिक संस्थाओं को प्रोत्साहन राशी का प्रस्ताव :
मशीनों द्वारा प्रतिस्थापित की जा रही नौकरियों के बारे में अपने डर को बताते हुए, फ्यूचरिस्टिक स्कूलों के शेमफोर्ड ग्रुप के वाइस चेयरमैन और प्रबंध निदेशक, अमोल अरोड़ा ने कहा, “अगली पीढ़ी नौकरियों के लिए प्रतिस्पर्धा करेगी, न केवल अन्य छात्रों के खिलाफ, बल्कि नवीन प्रौद्योगिकियां भी हैं जो जल्दी से बदल रही हैं। मानव रोजगार। अपने बच्चों को प्रतियोगिता में बनाए रखने के लिए, हमें आने वाले वर्षों में अपने एड-टेक सेक्टर को रैंप पर लाने की जरूरत है।”
ऐसे में यदि कोई संस्था ग्रामीण इलाकों या पिछड़े इलाकों में शैक्षिक संस्थान खोल रही है तो सरकार को उसे प्रोत्साहन के रूप में कुछ राशि और सेवाएं उपलब्ध करने चाहियें ताकि वह अपने ध्येय को पूरा कर सके और उसके साथ साथ देश की जनता की भी भलाई हो सके।
स्किल प्रोग्राम देने वाले संस्थानों को देने चाहिए कर लाभ :
बजट को लेकर सरकार के पिछले कदमों की सराहना करते हुए सेफएज्युकेट की सीईओ दिव्या जैन ने कहा ऐसे संगठन जोकि देश के युवाओं को कोई कौशल प्रदान करते हैं और अपने पैरों पर खड़ा होने के सक्षम बनाते हैं ऐसे संगठनों को सरकार द्वारा पहचान मिलनी चाहिए। ऐसे संगठन सरकार से कर लाभ की आशा करते हैं अतः सरकार को ऐसा करने की कोशिश करनी चाहिए। इसके अतिरिक्त ऐसे संगठनों को राष्ट्र निर्माण मिशनों के साथ एकीकृत करना चाहिए।
इसके साथ साथ सरकार शिक्षा क्षेत्र और युवाओं के विकास के लिए आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस अपनाना, ई-लर्निंग संसाधनों को मुफ्त उपलब्ध करवाना आदि कदम उठाकर शिक्षा का स्तर सुधार सकती है और युवाओं के स्तर में बढ़ावा कर सकती है।