संयुक्त राष्ट्र ने भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती के संकेत देकर मोदी सरकार के लिए एक खुशखबरी दे दी है। यही नहीं नोटबंदी और जीएसटी को लेकर एनडीए सरकार को हमेशा निशाने पर लेने वाले विपक्ष को भी यूएन के इस बयान पर चुप्पी साधने पर मजबूर होना पड़ेगा।
यूएन ने कहा है कि 2018 में भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट 7.2 फीसदी तथा 2019 में 7.4 फीसदी हो जाएगी। यही नहीं संयुक्त राष्ट्र ने अपने हालिया बयान कहा है कि साल 2019 में भारत दुनिया की सबसे तेजी से आगे बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बन जाएगा।
संयुक्त राष्ट्र ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि साल 2018 में भारत 7.2 जीडीपी ग्रोथ रेट के साथ चीन को हरा देगा, क्योंकि यूएन ने अगले साल बीजिंगी अनुमानित विकास दर 6.5 फीसदी निर्धारित की है। यूएन की रिपोर्ट में यह भी उल्लेखित है कि साल 2018 में मजबूत निजी खपत और सार्वजनिक निवेश के चलते भारत अपनी अर्थव्यवस्था सुधारने में कामयाब रहेगा।
वर्ल्ड इकोनोमिक सिचुएशन एंड प्रोस्पेक्ट, 2018 रिपोर्ट के मुताबिक, 2017 में विमुद्रीकरण के कारण भारत की अर्थव्यवस्था में कुछ मंदी दिखी लेकिन भारत के लिए यह संरचनात्मक सुधार काफी हद तक सकारात्मक रहा। निजी खपत और सार्वजनिक निवेश के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था में ढांचागत सुधार देखने को मिल रहा है।
यूएन की इस नई रिपोर्ट के अनुसार, साल 2018 में भारत की अनुमानित जीडीपी रेट 7.2 फीसदी बताई गई है, जबकि ठीक इसके विपरीत मई के मध्य में यूएन ने अगले साल के लिए जीडीपी ग्रोथ रेट 7.9 फीसदी रहने की उम्मीद जताई थी। यूएन के इन दोनों आंकड़ों में काफी अंतर है।
सोशल एंड इकॉनोमिक अफेयर्स, सेक्रेटरी लियू झेंमिन ने रिपोर्ट जारी करते हुए कहा कि वैश्विक विकास में तेजी से हो रहा सुधार एक मजबूत अर्थव्यवस्था का संकेत है।
विश्व अर्थव्यवस्था की एक तस्वीर पेश करते हुए उन्होंने कहा कि वैश्विक वित्तीय संकट से उबरने में इससे काफी मदद मिलेगी। इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अगले दो साल तक विकास दर में सुधार जारी रहेगा। दक्षिण और पूर्वी एशिया विश्व के सबसे अधिक गतिशीली क्षेत्रों में से हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि अगले साल भारत के राजकोषीय घाटे में गिरावट देखने को मिलेगी जिससे मुद्रास्फीति दर 3.2 फीसदी रहेगी।