विधानसभा चुनाव के नतीजे एवं बीजेपी की बड़ी हार
मोदी सरकार के लिए मंगलवार का दिन एक बुरा दिन साबित हुआ। इस दिन पांच राज्यों में चुनाव के परिणाम आए एवं बीजेपी इनमे से एक भी राज्य का चुनाव नहीं जीत पाती वहीँ कांग्रेस ने तीन राज्य जीते। कहा जा रहा है की इसका कारण किसानों की हालत को नज़रंदाज़ करने से हुआ है।
हार के संभव कारण :
MSP का खेल
हाल ही में बीजेपी ने किसानों का संकट दूर करने के लिए जो योजना पेश की है वह है खरीफ फसलों के MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) को A2 + FL के 50 प्रतिशत मार्जिन पर घोषित करना है। लेकिन जैसा कि हमने हाल ही के बाजारों में देखा है की कि वहां फसलों की कीमत MSP से काफी नीचे रह जाती है। ऐसी फसलें जिनमें MSP घोषित होती है उनमे से 23 फसलें तो ऐसी हैं जिनकी बड़ी मात्र खरीदने में सरकार अक्षम है।
किसानो पर संकट
पूरे देश के किसानों की आय के साथ खिलवाड़ हुआ है जिससे किसान खुश नहीं हैं एवम उनका विरोध साफ़ दिखाई दे रहा है। इसके बावजूद भी केंद्रीय कृषि मंत्री ने इन सभी विरोधों को केवल एक राजनितिक नाटक बताकर किसानों को आहत कर दिया।
किसानों का समर्थन वापस पाने के लिए बीजेपी का एक बड़ा प्रयास
अपनी इस बड़ी हार कि वजह बीजेपी ने किसानों एवं ग्रामीण इलाकों का समर्थन खोना माना है। यह किसानों को नज़रंदाज़ करने की वजह से हुआ है। अतः अब इसकी भरपाई करने के लिए बीजेपी ने किसानों की क़र्ज़ माफ़ी का बीड़ा उठाया है।
अगर एक सरकारी स्त्रोत की माने तो की मोदी सरकार अरबों डॉलर का किसान का क़र्ज़ माफ़ करने पर विचार कर रही हैं एवं जल्द ही इसको अंजाम दे सकती है। देखा जाए तो जिन राज्यों में बीजेपी हारी उनमें ज्यादातर लोग किसान हैं।
यह अब तक की किसानों को दी गयी सबसे बड़ी मदद हो सकती है। स्त्रोत के अनुसार कम से कम 56 अरब डॉलर तक का क़र्ज़ माफ़ किया जा सकता है।
क़र्ज़ माफ़ी के साथ साथ बीजेपी किसानों की ज्यादा फसल भी खरीदने के बारे में सोच रही है।
2019 के चुनाव बहुत करीब हैं एवं बीजेपी न्यूनतम समर्थन मूल्य जैसी योजना देकर अपना और समय खराब नहीं करना चाहती है अतः जितना जल्दी हो सके यह ग्रामीण इलाकों एवं किसानों का समर्थन वापिस पाने के प्रयास करेगी।