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    फेसबुक

    2019 के आम चुनाव से पहले, राजनीतिक विज्ञापनों में पारदर्शिता लाने के लिए, फेसबुक ने लोकप्रिय सोशल मीडिया प्लेटफार्म और इंस्टाग्राम पर ऐसी किसी भी विज्ञापन को चलाने से पहले विज्ञापनदाताओं को अपनी पहचान और स्थान का खुलासा करना अनिवार्य कर दिया है।

    अगले साल की शुरुआत में ही, फेसबुक सारे राजनीतिक विज्ञापनों पर एक डिस्क्लेमर भी डालेगा जिसमे  विज्ञापनदाताओं की विस्तृत जानकारी मौजूद होगी। फेसबुक के एक ब्लॉग में कहा गया है कि, एक व्यक्तिगत विज्ञापन से जुड़े बजट और विज्ञापन देखने वाले इंप्रेशन और जनसांख्यिकी की जानकारी प्रदान करने के लिए ‘ऑनलाइन खोज योग्य विज्ञापन लाइब्रेरी’ खोला जाएगा।

    ब्लॉग में कहा गया है कि रानजीतिक विज्ञापन केवल वही विज्ञापनदाता चला पाएँगे जिन्होंने पहचान प्राधिकरण प्रक्रिया को पूरा किया है और जिसपर डिस्क्लेमर लगा है।

    उसके मुताबिक, “विज्ञापनदाताओं को अधिकृत करके और विज्ञापनों में और पारदर्शिता लाकर हम भारत के चुनावो में विदेशी दखलंदाज़ी को रोक पाएँगे।”

    फेसबुक जिसे भारत में 200 मिलियन से ज्यादा लोग इस्तेमाल करते हैं, उसने कहा है कि ये जरूरी है कि लोग जो विज्ञापन देख रहे हैं उसके बारे में उन्हें पूरी जानकारी हो खासकर वो विज्ञापन जो राजनेताओ, राजनीतिक पार्टियाँ, चुनाव और कानून से जुड़े हुए हो। उनके अनुसार, “हम जिस हिसाब से फेसबुक और इंस्टाग्राम पर विज्ञापन चलाते हैं, हम उसमे बड़े बदलाव ला रहे हैं। हम इन बदलावों को यूएस, ब्राज़ील और यूके में अमल में ला चुके हैं और अब भारत में राजनीतिक विज्ञापनों में पारदर्शिता लाने के लिए हम एक बड़ा कदम उठा रहे हैं। यही महत्वपूर्ण है जिससे हम अगले साल होने वाले आम चुनाव से पहले फेसबुक पर दुर्व्यवहार को रोकने में कड़ी मेहनत कर रहे हैं।”

    फेसबुक के अनुसार, अब भारत में जो भी राजनीती से जुड़ा विज्ञापन चलाना चाहता है उसे पहले अपनी पहचान और स्थान की पुष्टि करनी होगी और साथ ही विज्ञापनदाता की ज्यादा जानकारी उपलब्ध करानी होगी।

    उनके मुताबिक, “पहचान और स्थान की पुष्टि करने में कुछ हफ्तों का समय लग सकता है इसलिए विज्ञापनदाता आज से ही ये प्रक्रिया फ़ोन द्वारा या लैपटॉप द्वारा अपनी पहचान और स्थान के सबूत को जमा कराके शुरू कर सकते हैं। जब अगले साल वे राजनीतिक विज्ञापन चलाएंगे तो उस वक़्त उन्हें देरी का सामना नहीं करना पड़ेगा।”

    अगले साल, फेसबुक हर राजनीतिक विज्ञापन पर डिस्क्लेमर दिखाना शुरू कर देगा जिसमे विज्ञापनदाता की जानकारी मौजूद होगी और साथ ही और जानकारी जानने के लिए ‘ऑनलाइन खोज योग्य विज्ञापन लाइब्रेरी’ का भी विकल्प होगा। उसके अनुसार, “ये लाइब्रेरी है जिसमे राजनीतिक विज्ञापन से जुड़ी सारी जानकारियां उपलब्ध होंगी जैसे किस विज्ञापनदाता ने ये विज्ञापन जारी करवाया है, इस विज्ञापन का बजट कितना है, इम्प्रैशन की रेंज और साथ में विज्ञापन देखने वाले जनसांख्यिकीय।”

    ब्लॉग ने कहा, “हमें योग्य समाचार प्रकाशकों को अधिकृत होने की आवश्यकता नहीं होगी, और हम विज्ञापन लाइब्रेरी में उनके विज्ञापन शामिल नहीं करेंगे।”

    By साक्षी बंसल

    पत्रकारिता की छात्रा जिसे ख़बरों की दुनिया में रूचि है।

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