आज के चुनावों में सोशल मीडिया कितना प्रभाव कितना प्रभाव रखता है, ये किसी से छिपा नहीं है। फिर चाहे चुनाव प्रचार हो या चुनाव में दुष्प्रचार, दोनों ही मामलों में सोशल मीडिया अपना पूरा रोल निभाता है।
भारत में सोशल मीडिया के सबसे बड़े प्लेटफार्म फेसबुक ने इस बार 2019 के लोकसभा के चुनावों के मद्देनज़र एक ऐलान किया गया है, जिसमें फेसबुक ने कहा है कि 2019 के चुनावों में फेसबुक पर किये जा रहे प्रचार पर नज़र रखने के लिए फेसबुक करीब 100 लोगों की एक टास्क फ़ोर्स का गठन करेगी।
अक्सर देखा गया है कि गलत खबरों व झूंठे दुष्प्रचारों के चलते जनता को बरगलाने की कोशिश की जाती है, जिसके बाद जनता सही व्यक्ति का चुनाव नहीं कर पाती है और उसे बाद में इसका खामियाजा भी भुगतना पड़ता है।
इसी के तहत इस बार फेसबुक ऐसी सभी गतिविधि पर नज़र रखने का विचार बना रहा है, जिसके द्वारा 2019 के चुनाव प्रचार को प्रभावित किया जा सकता है।
फेसबुक जिन 100 लोगों को इस टीम में इकट्ठा करेगी, उन्हे अधिक अधिकार भी दिये जाएंगे, जिनके द्वारा किसी भी तरह की आपत्तीजनक प्रचार सामग्री को तत्काल फेसबुक से हटाया जा सकेगा।
फेसबुक के वीसी रिचर्ड एलन ने बताया है कि 2019 के चुनावों में हम विशेषज्ञों का ग्रुप बनाएँगे, जिसके द्वारा हम किसी भी तरह की भ्रामक प्रचार सामग्री को फैलने से रोकते हुए राजनीतिक पार्टियों की मदद कर पाएंगे।
इसके पहले फेसबुक के संस्थापक मार्क ज़ुकरबर्ग ने कहा था कि “फेसबुक इस बात का ख्याल रखेगा कि किसी भी देश के चुनावों को लेकर इसका गलत इस्तेमाल न होने पाये।”
फेसबुक पर कैम्ब्रिज अनलिटिका के साथ मिलकर 2016 में अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव प्रभावित करने के आरोप लगे थे।