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संयुक्त राष्ट्र, 13 जून (आईएएनएस)| देश में पिछले साल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) 6 फीसदी बढ़कर 42 अरब डॉलर रहा। व्यापार और विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (यूएनसीटीएडी) में यह जानकारी दी गई।

यूएनसीटीएडी वैश्विक निवेश रिपोर्ट 2019 बुधवार को जारी किया गया। इसमें बताया गया, “विनिर्माण, संचार और वित्तीय सेवाओं में अच्छा निवेश दर्ज किया है। सबसे अधिक निवेश प्राप्त करनेवाले यही तीनो सेक्टर रहे।”

यूएनसीटीएडी के निवेश और उद्यम निदेशक जेम्स हान ने कहा कि विकास का मुख्य कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कार्यालय हैं, जहां वे निवेश को प्रोत्साहित करते हैं।

जेनेवा से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से संवाददाताओं से बातचीत करते हुए हान ने कहा कि सरकार व्यापक स्तर का निवेश प्राप्त करने के लिए प्रयास कर रही है। भारत में निवेश काफी उच्च स्तर पर है, जो 40 अरब डॉलर सालाना है।

उन्होंने कहा, “वे पारंपरिक बहुराष्ट्रीय कंपनियों से आगे बढ़कर ‘भारत में बुनियादी ढांचे में निवेश के लिए कुछ धन निधि और पेंशन निधि को लक्षित कर रहे हैं’।”

रिपोर्ट टीम का नेतृत्व करने वाले हान ने कहा कि रक्षा, दूरसंचार और निजी सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में विदेशी कंपनियों के लिए अनुमोदन प्रक्रियाओं को समाप्त करने से एफडीआई को प्रोत्साहन मिला है।

रिपोर्ट में कहा गया कि 2017 के दौरान एफडीआई 40 अरब डॉलर था और कुछ की वृद्धि विलय और अधिग्रहण (एमएंडए) द्वारा संचालित थी।

यूएनसीटीएडी ने कहा, “भारत में ग्रीनफील्ड निवेश 2018 में दोगुना बढ़कर 56 अरब डॉलर हो गया, जिनमें से ज्यादा परियोजनाएं वाहन निर्माण समेत विनिर्माण उद्योगों की थीं।”

रिपोर्ट में कहा गया कि भारत में कुल 373 विशेष आर्थिक क्षेत्र (सेज) हैं, जिसमें 142 अभी भी विकास के चरण में हैं और 61 की योजना बनाई जा रही है।

By पंकज सिंह चौहान

पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

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