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    जिओ-फोन-बुक

    रिलायंस जिओ का 4G फीचर फ़ोन जोकि जिओफोन है, वर्ष 2018 में यह घरेलु और अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में यह शीर्ष लीडर बनकर उभरा है जहां इसने विश्वभर की मोबाइल बिक्री का 15 प्रतिशत अपने नाम किया वहीँ भारत के घरेलु बाज़ार में कुल बिक्री का एक तिहाई से ज्यादा हिस्सा जिओफ़ोन का था।

    काउंटरपॉइंट रिसर्च के परिणाम :

    काउंटरपॉइंट रिसर्च द्वारा सबसे हाल में पेश की गयी एक रिसर्च रिपोर्ट में बताया गया की भारत के फीचरफ़ोन बाज़ार में जिओफ़ोन का हिस्सा कुल 38 प्रतिशत था जिससे यह शीर्ष पर रहा, इसके बाद सैमसंग का कुल 13 प्रतिशत हिस्सा था जिसके बाद आइटेल 8 प्रतिशत, नोकिया और एचएमडी 7 प्रतिशत प्रत्येक के साथ आखिरी स्थान पर रहे।

    इसके अलावा काउंटरपॉइंट रिसर्च कंपनी ने अपनी एक ताजा रिपोर्ट में कहा कि रिलायंस जिओ अवसर को पहचानने में सबसे तेज रहा है और अपने KaiOS- संचालित 4 जी स्मार्ट फीचर फोन के साथ 4 जी नेटवर्क में करोड़ों लोगों को शामिल करने में इसका प्रदर्शन सराहनीय है।

    जिओफोन के कुछ अन्य आकंडे :

    काउंटरपॉइंट ने कहा कि 2018 में, वैश्विक फीचर फोन का बाजार एशिया प्रशांत और मध्य पूर्व और अफ्रीका के साथ 7% बढ़ोतरी के बाद 480 मिलियन यूनिट तक बढ़ गया, जो पिछले साल केवल एक ही क्षेत्र में वृद्धि दर्ज कर रहा था। भारत ने 2018 में अधिकतम फीचर फोन शिपमेंट किये, जो 11% से बढ़कर 187 मिलियन यूनिट हो गया।

    जिओ ने 2018 में 13% की वार्षिक वृद्धि के साथ भारतीय बाजार का नेतृत्व किया। अक्टूबर-दिसंबर 2018 की तिमाही के दौरान भी भारत ने 38% बाजार हिस्सेदारी के साथ वैश्विक फीचर फोन शिपमेंट में सबसे अधिक योगदान दिया, इसके बाद मध्य पूर्व और अफ्रीका ने 31% का योगदान दिया। वर्ष 2018 की चौथी तिमाही के दौरान, जिओ फिर से बाजार के 38% घरेलू बाजार को नियंत्रित करने वाला बाजार नेता था, इसके बाद सैमसंग (14%), लावा (8%), आइटेल (8%) और नोकिया एचएमडी  6% पर था।

    जिओफोन की सफलता का कारण :

    काउंटरपॉइंट रिसर्च संस्था द्वारा जिओ की दिन प्रतिदिन बढती सफलता का मुख्य कारण इसके अवसरों को पहचानने की दक्षता को बताया गया। जिओ ने भारत के ग्रामीण इलाकों को लक्ष्य किया और बहुत कम मूल्य का एक फोन उपलब्ध कराया जिसमे नवीनतम सुविधाएं थी। इससे यह इतनी बड़ी सफलता हासिल कर पाया।

    By विकास सिंह

    विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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