सरकार ने बुधवार को ‘गाँधी शांति पुरुस्कार’ के विजेताओं के नाम घोषित कर दिए हैं। ये सम्मान पिछली बार 2014 में, 2015-2018 तक के लिए, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन को दिया गया था।
और जबसे इस वार्षिक पुरुस्कार को कोई भी विजेता नहीं मिला।
यह व्यक्तियों और संस्थानों को अहिंसा और अन्य गांधीवादी तरीकों के माध्यम से सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक परिवर्तन के लिए उनके योगदान के लिए दिया जाता है।
मंत्रालय के अनुसार, 2015 के लिए पुरुस्कार कन्याकुमारी से विवेकानंद केंद्र को उनके ग्रामीण विकास और शिक्षा के लिए दिया है जबकि 2016 के लिए, ये पुरुस्कार अक्षय पात्रा फाउंडेशन को देश भर के बच्चों को मिड-डे मील देने के लिए और सुलभ इंटरनेशनल को मैन्युअल स्कैवेंजर की मुक्ति की दिशा में काम करने के लिए दिया गया है।
2017 के लिए, ये पुरुस्कार इकाई अभियान ट्रस्ट को ग्रामीण और आदिवासी बच्चों की पढ़ाई में योगदान देने के लिए दिया गया है और पिछले साल के लिए, गांधी शांति पुरस्कार को योही ससाकावा को दिया जाएगा, जो कुष्ठ उन्मूलन के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन के सद्भावना राजदूत हैं, कुष्ठ उन्मूलन में उनकी भूमिका के लिए।
ये फैसला एक जूरी की बैठक में लिया गया जिसमे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खरगे और एलके अडवाणी शामिल थे।
यह पुरस्कार 1995 में महात्मा गांधी की 125 वीं जयंती के उपलक्ष्य में शुरू किया गया था और इसे प्रतिवर्ष दिया जाना था।
यह एक करोड़ रूपये, एक प्रशस्ति पत्र और एक हस्तकला आइटम का पुरस्कार प्रदान करता है।