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    meeting on iran's nuclear accordIran's top nuclear negotiator Abbas Araqchi and Secretary General of the European External Action Service (EEAS) Helga Schmit attend a meeting of the JCPOA Joint Commission in Vienna, Austria, June 28, 2019. REUTERS/Leonhard Foeger

    ईरान ने शुक्रवार को चेतावनी दी कि वियना में आयोजित 2015 परमाणु संधि के दस्तखत करने वाले देशों की मुलाकात इस संधि को बचाने का आखिरी मौका है। इस संधि के शेष सदस्य चीन, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, ईरान और यूरोपीय संघ ऑस्ट्रियन की राजधानी में मुलाकात करेंगे। शुक्रवार को तेहरान ने चेतावनी दी थी कि वह इस संधि की कुछ प्रतिबद्धताओं से पीछे हट सकता है और यूरेनियम के उत्पादन के स्तर को बढ़ा सकता है।

    ईरान के उप विदेश मंत्री और वरिष्ठ परमाणु वार्ताकार अब्बास अरकची ने पत्रकारो से कहा कि यह एक कदम आगे की तरफ है लेकिन यह अभी भी पर्याप्त नही हैऔर ईरान की उम्मीदों के माफिक मुलाकात नही है। मेरे ख्याल से आज की प्रगति हमारी प्रक्रिया को रोकने में नाकाम साबित होगी लेकिन इसका निर्णय तेहरान ही करेगा।”

    अमेरिका ने बीते वर्ष इस संधि से खुद को अलग कर लिया था और ईरान पर सभी प्रतिबंधों को वापस थोप दिया था। इन संधि के तहत ईरान की परमाणु गतिविधियों को सीमित रखा गया था।

    अमेरिका ने ईरान को नई डील पर रज़ामंदी के लिए और वार्ता की टेबल पर लाने के लिए दबाव को बढ़ा दिया था। ईरान के तेल के निर्यात को शून्य कर दिया है और सभी देआहों को दी गयी रियायत को खत्म कर दिया है जिसके कारण तेहरान ने यूरेनियम के उत्पादन को बढ़ाने की धमकी दी है।

    ईरान ने कहा था कि वह जुलाई के शुरुआत में यूरेनियम की क्षमता को 3.67 प्रतिशत से अधिक बढ़ा देगा। ईयू ने शुक्रवार को बयान में कहा कि जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटेन ईरान के साथ एक ट्रेड चैनल बढ़ाएंगे।

    जिसका मकसद इस्लामिक गणराज्य पर अमेरिका के प्रतिबंधों को कम करना होगा। वार्ता में चीन के प्रतिनिधि फु कोंग ने कहा कि बीजिंग अमेरिका के प्रतिबंधों के बावजूद ईरानी तवल का आयात करना जारी रखेगा। हम एकतरफा  प्रतिबंधों को खारिज करते है। हमारे लौए ऊर्जा सुरक्षा महत्वपूर्ण है। ईरानी तेल का आयात चीन की ऊर्जा सुरक्षा और लोगो के जीवन के लिए बेहद अहम है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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