सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को 2002 के गुजरात दंगों में एसआईटी द्वारा नरेंद्र मोदी को दोषमुक्त करने के खिलाफ दायर की गई जकिया जाफरी की याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी। कोर्ट सुनवाई की अगली तारीख 26 नवम्बर को दी है।
जकिया जाफरी पूर्व कांग्रेस नेता एहसान जाफरी की बीवी हैं। अहसान जाफरी को 28 फरवरी 2002 को अहमदाबाद के गुलबर्ग सोसाइटी में दंगाइयों की भीड़ ने मार डाला था।
जकिया जाफरी ने गुजरात हाई कोर्ट के उस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी जिसमे एसआईटी ने नरेंद्र मोदी समेत कई नेताओं और अधिकारियों को दोषमुक्त घोषित करने के बाद क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की थी और हाई कोर्ट ने क्लीनचिट को बरकरार रखा था।
पिछले साल गुजरात हाई कोर्ट ने मेट्रोपोलिटन कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा था और जकिया के आरोपों को खारिज कर दिया था कि नरोदा पाटिया, नरोदा गाम और गुलबर्ग सोसाइटी जससे मामले बड़ी साजिश का हिस्सा थे। गुजरात दंगों के बाद जकिया ने तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और राज्य की मशीनरी की भूमिका पर सवाल उठाये थे।
2012 में मेट्रोपोलिटन कोर्ट ने 58 आरोपियों को गोधरा काण्ड के बाद राज्य भर में फैले दंगों के लिए आरोपों से मुक्त कर दिया था। मेट्रोपोलिटन कोर्ट ने कहा था कि ‘एसआईटी की जांच के बाद जिन 58 लोगों को जकिया ने आरोपी बनाया है उनमे से किसी के भी खिलाफ कोई सबूत नहीं मिले हैं।’
मेट्रोपोलिटन कोर्ट के फैसले के बाद 2013 में जकिया ने गुजरात हाई कोर्ट का रुख किया था।