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    1993 में मुंबई बम धमाकों पर आज अदालत ने फैसला सुनते हुए अबू सलेम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इस मामले में दोषी पाए गए फिरोज खान और ताहिर व्यापारी को अदालत ने मौत की सजा सुनाई है।

    साल 1993 में मुंबई सीरियल ब्लास्ट हुए थे जिसमें 257 लोगों की मौत हुई थी। 700 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। इस फैसले में दोषी पाए गए आरोपियों में पुर्तगाल से प्रत्यर्पित कर लाया गया माफियां डॉन अबू सलेम, मुस्तफा दोसा, मोहम्मद ताहिर मर्चेंट, करीमुल्लाह खान, रियाज़ सिद्दीकी और फ़िरोज़ अब्दुल रशीद खान शामिल है। मुस्तफा दोसा को सयुंक्त अरब अमीरात से प्रत्यर्पित कर लाया गया था। जिसकी मौत हो चुकी है।

     

    अबू सलेम को साजिश के तहत धारा 120ए और हत्या के तहत दोषी पाया गया था। ऐसे में मौत की सजा का प्रावधान है, लेकिन अबू सलेम को पुर्तगाल से सशर्ते लाया गया कि उसे 25 साल की सजा से ज्यादा सजा नहीं दी जाएगी। सीबीआई की पैरवी कर रहे वकील ने भी उसके लिए मौत की सजा की मांग ना करते हुए, अधिक से अधिक सजा की मांग की थी। वहीँ ताहिर मर्चेंट, करीमुल्लाह खान और फ़िरोज़ अब्दुल राशिद खान के लिए सीबीआई के वकील दीपक सालवी ने मौत की सजा की मांग की थी।

     

    12 मार्च 1993 को मुंबई में 12 बम धमाके हुए थे। जिसमें 257 लोगों की मौत हुई थी, और 700 लोग घायल हुए थे। अबूसलेम सहित सात आरोपी थे जिनमे से मुस्तफा दोसा की मौत हो गई। अबू सलेम को पुर्तगाल से डिपोर्ट करके लाया गया था। अबू सलेम पर विस्फोटक लाने, साजिश और मदद करने के आरोप लगे हुए है। 100 आरोपियों को पहले ही दोषी करार दिया जा चूका है। इन 100 में से 12 को फांसी की सजा हो चुकी है। इस मामले में अंतिम फांसी याकूब मेमन को हुई थी, जो की टाइगर मेमन का भाई था। यह केस 2012 से चल रहा है। कुल गवाहों की संख्या 686 है, और इसमें 64 नए गवाह भी शामिल है। दाऊद इब्राहिम और टाइगर मेनन समेत 33 अभी भी फरार है।

     

    बाबरी मस्जिद के विध्वंस के बदले किये थे ब्लास्ट

     

    आरोप है की ये बम ब्लास्ट 6 दिसम्बर 1992 को हुए बाबरी विध्वंस का बदला था। विध्वंस के बाद दिसम्बर 1992 और जनवरी 1993 में दो चरणों में सांप्रदायिक दंगे हुए। अभियोजन पक्ष ने कहा था कि दाऊद गिरोह के सदस्यों ने अपने स्थानीय गुंडों टाइगर मेमन और दोसा भाइयो के साथ मिलकर मुंबई में आंतकी कृत्य की साजिश की थी।

     

    इससे पहले विशेष टाडा कोर्ट ने 100 आरोपियों को दोषी ठहराया था। इसमें याकूब मेनन भी शामिल था, जिसे 30 जुलाई 2015 को फांसी दी गई। वहीँ फिल्म अभिनेता संजय दत्त को आतंकवाद के आरोपों से बरी कर दिया था। लेकिन उनपर शस्त्र अधिनियम के तहत मुकदमा चलाया गया, जिसमें उन्हें दोषी पाया गया। संजय दत्त अपनी पूरी सजा काट चुके है। उन्हें फरवरी 2016 में जेल से रिहा कर दिया गया।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।