फ्रांस के विदेश मंत्री ने मंगलवार को कहा कि “सीरिया की सरकार द्वारा विद्रोहियों के गढ़ में रसायनिक हथियारों के इस्तेमाल से हमले के संकेत मिले हैं लेकिन अभी भी उनके निरिक्षण की जरुरत है।” अमेरिका ने 23 मई को कहा था कि “उन्हें सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद की वफादार सेना द्वारा विद्रोहियों के गढ़ में रसानायिक हमले की कई रिपोर्ट्स मिली है।”
रायटर्स के मुताबिक फ्रांस की संसद के विदेशी मामलो की समिति से जीन यवेस ले ड्रिअन ने कहा कि “हमें इदलिब क्षेत्र में रसानायिक हथियारों के इस्तेमाल के संकेत मिले हैं। हम सावधान है क्योंकि हम सोचते हैं कि प्रतिक्रिया देने से पूर्व रसानायिक हथियारों के इस्तेमाल और जानलेवा होने की पुष्टि होनी चाहिए।”
सीरिया की सरकार ने रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल के आरोप को ख़ारिज किया है। अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने अप्रैल 2018 में हवाई हमला किया था और इसके खिलाफ प्रतिकार में तीन सीरिया के रसानायिक हथियारों से हमला किया था जिसमे कई लोगो की मौत हो गयी थी।
विद्रोहियों का सीरिया के पश्चिमी पर्वतीय क्षेत्र इदलिब में संघर्ष जारी है। उन्होंने कहा कि “19 मई को सेना ने विद्रोहियों के गढ़ को जहरीली गैस से घेरेबंदी कर दी थी।” उन्होंने कहा कि “इस हमले को उन्होंने अंजाम नहीं दिया है क्योंकि वे उस वक्त बमबारी से जूझ रहे हैं।”
सीरिया की सरकार पर इदलिब में नागरिकों पर हमले करने के भी आरोप है। यूएन ने भी मानवीय तबाही के बाबत चेतावनी दी थी। सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद ने विद्रोहियों के आखिरी गढ़ पर अपना नियंत्रण करना चाहते हैं। साल 2011 में सीरिया में बहुपक्षीय संघर्ष शुरू हुआ था।
साल 2011 से 370000 से अधिक लोगो की मौत हुई है और लाखो लोग विस्थापित हुए हैं। साल 2018 में सीरिया और तुर्की के बीच संघर्षविराम समझौता हुआ था लेकिन रूस ने बीते माह इदलिब पर हवाई हमला कर उसका उल्लंघन किया था।