आईबीएम के एक सर्वेक्षण में कहा गया है कि अगले 10 वर्षों में लगभग 60 फीसदी भारतीय संगठनों ने क्लाउड पर अपने सभी डेटा रखने की योजना बनाई है, जिनमें से 99 फीसदी अगले तीन वर्षो में ही मल्टीपल हाइब्रिड क्लाउड का उपयोग करेंगे। शोध में कहा गया है, “हाइब्रिड क्लाउड दुनिया भर में अगली पीढ़ी के व्यापार के लिए अत्याधुनिक क्लाउड तकनीक के रूप में उभरने के लिए तैयार है।”
आईबीएम इंडिया/दक्षिण एशिया में क्लाउड एंड कॉग्निटिव सॉफ्टवेयर एंड सर्विसेज के उपाध्यक्ष विकास अरोड़ा ने कहा, “हम अनुमान लगा रहे हैं कि भारतीय संगठन अगले कुछ वर्षों में क्लाउड तकनीकों को व्यापक रूप से अपनाएंगे, जिनमें से अधिकांश तीन साल में ही हाइब्रिड क्लाउड का उपयोग करेंगे।”
अरोड़ा ने कहा, “अगर क्लाउड फायदों के अगले चरण को साकार किया जाना है, तो हाइब्रिड क्लाउड रणनीति की जरूरत है।”
अनुसंधान से पता चला है कि सर्वेक्षण में शामिल किए गए लगभग 50 फीसदी लोगों का मानना है कि 80 फीसदी से अधिक संगठन क्लाउड फस्र्ट की रणनीति अपनाएंगे और 80 फीसदी से अधिक नए एप क्लाउड में ही बनाए जाएंगे।
भारत एशिया प्रशांत क्षेत्र में दूसरा सबसे तेजी से बढ़ता क्लाउड सेवा बाजार है। भारत में सार्वजनिक क्लाउड सेवा बाजार के जल्द ही 4.1 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है।
यह अध्ययन भारत के 85 छोटे-बड़े उद्यम संगठनों में शीर्ष अधिकारियों के जवाब पर आधारित है।