22 दिसंबर, 2018 को जीएसटी परिषद् की आखिरी बैठक थी जिसमें जीएसटी की दरों में बड़ा सुव्यवस्थीकरण किया गया था। इस बैठक में कई वस्तुओं को 28 फीसदी जीएसटी स्लैब से हटाकर काम दर पर लाया गया था।
इस बैठक के बाद खबर दी गयी थी की अगली बैठक में बची वस्तुओं के दर काम करने पर विचार किया जाएगा, लेकिन यह बैठक कब होगी इसकी खबर नहीं दी गयी थी। हाल ही में पात चला है की अगली जीएसटी बैठक 10 जनवरी को होने वाली है।
क्या हो सकता है इस बैठक में ?
10 जनवरी को मिलने वाली जीएसटी परिषद, निर्माणाधीन आवासीय संपत्तियों को 5 प्रतिशत स्लैब में लाने का फैसला करेगी, सूक्ष्म, एवं मध्यम व्यवसायों के लिए सीमा सीमा बढ़ाएगी और कंपोजिशन स्कीम के तहत छोटी सेवा स्कीम लाएगी।इसके साथ साथ यह भी आशा है की परिषद् सीमेंट जैसी वस्तुओं पर भी दरों को घटाएगी क्योंकि उद्योगपतियों का माना है की सीमेंट निर्माण में प्रयोग किया जाने वाला एक अहम् पदार्थ है एवं इसे 28 फीसदी की दर से हटाकर 18 फीसदी जीएसटी दर में लाने की जरूरत है।
सूक्ष्म, छोटे एवं मध्यम व्यवसायों की होगी नयी स्कीम :
अरुण जेटली ने कहा था की अगली बैठक में परिषद सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) पर शिव प्रताप शुक्ला की अध्यक्षता में मंत्रियों के समूह द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट को देखेगी। परिषद् विचार करेगा की इन व्यवसायों की सीमा उचित है या नहीं। अगर नहीं होती है तो इनकी वार्षिक 20 लाख आय की सीमा को बढ़ाया जाएगा।
वर्तमान में, 20 लाख रुपये के वार्षिक कारोबार से नीचे के व्यवसायों को जीएसटी का भुगतान करने से छूट दी गई है। एमएसएमई के लिए इस सीमा को बढ़ाने के लिए प्रस्ताव बढ़ाने की गुज़ारिश की है।
जीएसटी परिषद् कंपोजिशन स्कीम के तहत छोटे सर्विस सप्लायर्स को भी लाएगी जोक टैक्सेशन का एक वैकल्पिक तरीका है एवं यह छोटे कारोबारियों को रियायती दर पर टैक्स चुकाने के साथ-साथ 1 करोड़ रुपये तक सालाना टर्नओवर की अनुमति देता है और साथ ही अनुपालन लागत को कम करता है।