भारतीय विदेश मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि “भारत ने मलेशिया से इस्लामिक उपदेशक ज़ाकिर नाइक (Zakir Naik) के प्रत्यर्पण का आधिकारिक अनुरोध किया है। हम मलेशिया के साथ इस मामलो को उठाना जारी रखेंगे।” इस्लामिक प्रचारक पर भारत के खिलाफ बयानबाज़ी करने के आरोप है।
मंगलवार को मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने कहा कि “उनके देश के समक्ष ज़ाकिर नाइक का प्रत्यर्पण नहीं करने के अधिकार है। ऐसे ही जैसे साल 2015 में ऑस्ट्रलिया ने उनके देश के आग्रह को ठुकरा दिया था और सिरुल अज़हर उमर का प्रत्यर्पण नहीं किया था। नाइक को यकीन है कि भारत में उनके साथ न्याय नहीं किया जायेगा।”
नाइक पर सांप्रदायिक विस्वरता और भारत में गैर कानूनी गतिविधियों को अंजाम देने के आरोप है। जुलाई 2016 में होलेय आर्टिसन बेकरी में हुए आतंकी हमले से नाता होने के आरोप भारत और बांग्लादेश दोनों ने नाइक पर लगाए हैं। इस आतंकी हमले के दो संदिग्धों ने दावा किया था कि वह ज़ाकिर नाइक के उग्र उपदेशों के प्रभावित हुए थे।
इसके आलावा प्रवर्तन निदेशालय ने भी ज़ाकिर नाइक के खिलाफ 22 दिसंबर 2016 को हवाला मामले पर अभियोग शिकायत पत्र दाखिल किया है। नाइक के मलेशिया में होने का यकीन है। अपराध की कोशिश में 193.06 करोड़ की कुल रकम की पहचान की गयी है। निदेशालय ने नाइक की 50.46 करोड़ की संपत्ति को भी अटैच कर लिया है।
ईडी के मुताबिक, हवाला को यूएई के अस्पष्ट क्षेत्रों से अंजाम दिया गया था ताकि सांप्रदायिक नफरत को फ़ैलाने और एक विशेष समुदाय में अतिवाद के लिए वीडियो को बनाया जा सके और इसका प्रसार किया जा सके।
जाकिर नाइक के फाउंडेसन को गृह मंत्रालय पहले ही गैर क़ानूनी घोषित कर चुका है। साथ ही भारत सरकार नाइक का पासपोर्ट भी रद्द करवा चुकी है इसके अलावा जाकिर नाइक पर गैर जमानती वारंट भी जारी किये गए है। मुंबई में नाइक की संस्थाओ को भी बंद करवा दिया गया है।