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    हॉट स्टैंडबाई राऊटर प्रोटोकॉल्स (HSRP) क्या है? hot standby router protocol in hindi, configuration, computer network

    विषय-सूचि

    हॉट स्टैंडबाई राऊटर प्रोटोकॉल क्या है? (hot standby router protocol in hindi)

    हॉट स्टैंडबाई राऊटर प्रोटोकॉल (hsrp) एक सिस्को द्वारा विकसित किया गया प्रोटोकॉल है जो कि लोकल सबनेट के लिए redundancy की सुविधा देता है। इसमें दो या उससे ज्यादा उपयोगकर्ता एक वर्चुअल राऊटर की तरह लगते हैं।

    HSRP आपको दो या उस से अधिक राऊटर को कॉन्फ़िगर कर के एक स्टैंडबाई राऊटर बनाने की सुविधा देता है और सिर्फ एक ही राऊटर एक समय में सबकी जगह एक्टिव रहता है और सारे कार्य करता है।

    एक HSRP समूह के अंदर के सारे राऊटर सिर्फ एक ही मैक एड्रेस और IP एड्रेस को आपस में शेयर करते हैं जो कि लोकल नेटवर्क के डिफ़ॉल्ट गेटवे की तरह प्रयोग में आता है।

    एक्टिव राऊटर ट्रैफिक को फॉरवर्ड करने के लिए प्रयोग किया जाता है वहीं अगर वो फ़ैल हो गया या किसी कारण से उसने काम करना बंद कर दिया तो स्टैंडबाई राऊटर उसकी जगह लेकर वही सारे काम करना शुरू कार्ड देता है।

    HSRP से सम्बन्धित कुछ परिभाषाएं

    अब हम आपको कुछ परिभाषाएं बताने जा रहे हैं जिन्हें जानने के बाद HSRP की कार्यप्रणाली को और भी अच्छे से समझ पाएंगे।

    1. Virtual IP : लोकल सबनेट से जिस IP एड्रेस को नेटवर्क के अंदर के अभी होस्ट को डिफ़ॉल्ट गेटवे की तरह असाइन किया जाता है।
    2. Virtual MAC address : HSRP द्वारा मैक एड्रेस को आटोमेटिक रूप से generate किया जाता है। इसमें पहला 24 बिट डिफ़ॉल्ट सिस्को एड्रेस (जैसे कि 0000.0c) होता है जबकि अगला 16 बिट्स HSRP ID (जैसे कि 07.ac) होता है। अगला आठ बिट हेक्साडेसीमल में समूह संख्या दर्शाता है। जैसे, अगर समूह संख्या 10 है तो अंतिम 8 बिट होगा- 0aवर्चुअल मैक एड्रेस का उदाहरण–
      0000.0c07.ac0a
    3. Hello messages : ये एक मैसेज है जिसे पीरियड्स के आधार पर एक्टिव और स्टैंडबाई routers द्वारा आदान-प्रदान किया जाता है। इन मैसेज को हर तीन सेकंड बाद राऊटर की स्थिति बताने के लिए भेजा जाता है।
    4. Hold down timer : इसका डिफ़ॉल्ट मान 10 सेकंड्स है यानी कि हेलो मैसेज के मान का लगभग तीन गुना। ये टाइमर हमे राऊटर के बारे में बताता है और ये कि अगर हेलो मैसेज समय पर नहीं पहुंचा तो स्टैंडबाई राऊटर उसका इन्तजार कितने समय तक करेगा।
    5. Priority : डिफ़ॉल्ट रूप से प्रायोरिटी का मान 100 होता है। ये तब मददगार होता है जब एक्टिव राऊटर नीचे जाने के बाद फिर से वापस आता है। हम स्टैंडबाई राऊटर की प्रायोरिटी में भी बदलाव कर सकते हैं (जो कि ओरिजिनल राऊटर के डाउन होने के बाद एक्टिव राऊटर बन गया है)।
      नोट: जिस राऊटर की प्रायोरिटी ज्यादा होती है वो एक्टिव राऊटर बनता है।
    6. Preempt : ये वो स्थिति या स्टेट है जिसमे स्टैंडबाई राऊटर अपने-आप एक्टिव राऊटर बन जाता है।

    HSRP की कार्यप्रणाली (working of hsrp protocol in hindi)

    वो सदस्य जिनकी समूह ID समान होगी वो समान समूह के सदस्य होंगे। उनमे से किसी एक राऊटर को एक्टिव राऊटर के रूप में चुना जाएगा और बांकी सब स्टैंडबाई मोड में रहेंगे।

    लोकल सबनेट में सभी होस्ट के लिए वर्चुअल IP को डिफ़ॉल्ट गेटवे के रूप में कॉन्फ़िगर कर दिया जाता है। लोकल होस्ट के ट्रैफिक को फॉरवर्ड करने की पूरी जिम्मेवारी एक्टिव राऊटर की होती है।

    अगर एक्टिव राऊटर किसी कारण से डाउन हो जाए तो उसके और स्टैंडबाई राऊटर के बीच हेलो मैसेज एक्सचेंज नहीं होगा और स्टैंडबाई राऊटर एजक निश्चित अंतराल तक इन्तजार करता है जिसे होल्ड डाउन टाइमर टाइम कहते हैं।

    जभी होल्ड डाउन टाइमर टाइम खत्म होगा तभी स्टैंडबाई राऊटर एक्टिव राऊटर बन जाएगा और उसकी सारी जिम्मेदारियां निभाने लग जाएगा। इसी को Preempt कहा गया है।

    ऐसी स्थिति में जब ओरिजिनल राऊटर वापस आ गया हो तो स्टैंडबाई राऊटर जो अभी काम कर रहा है उसकी प्रायोरिटी को हम घटा सकते हैं। इसके बाद ये फिर से स्टैंडबाई राऊटर बन जाएगा।

    HSRP के वर्जन्स

    इसके दो वर्जन होते हैं:

    वर्जन 1: मैसेज को 224.0.0.2 पर मल्टीकास्ट किया जाता है और UDP पोर्ट 1985 का प्रयोग होता है। ये वर्जन ग्रुप नम्बर के रेंज को 0 से 255 के बीच रखने की अनुमति देता है।

    वर्जन 2: मैसेज को 224.0.0.102 पर मल्टीकास्ट किया जाता है और UDP पोर्ट 1985 का प्रयोग होता है. इसमें ग्रुप संख्या का रेंज 0 से 4095. तक रहता है।

    HSRP का कॉन्फ़िगरेशन (hsrp configuration in hindi)

    नीचे दिख रहे टोपोलॉजी पर ध्यान दीजिये. यहाँ दो राऊटर हैं जिनके नाम क्रमशः R1 और R2 हैं। R1 का IP एड्रेस है- (f 0/0) is 10.1.1.1/24 और R2 (f 0/0) is 10.1.1.2/24.

     

    राऊटर R1 को एड्रेस असाइन करने के लिए:

    r1# int fa0/0
    r1# ip add 10.1.1.1 255.255.255.0

    राऊटर R2 को एड्रेस असाइन करने के लिए:

    r2# int fa0/0
    r2# ip address 10.1.1.2 255.255.255.0

    अब हम वर्चुअल IP एड्रेस (10.1.1.100) को प्रोवाइड करेंगे- समूह नाम HSRP_TEST, समूह संख्या 1 और प्रायोरिटी 110. Preempt को इनेबल कर दिया जाएगा। इसका मतलब एक्टिव राऊटर के डाउन होने पर उसकी जगह स्टैंडबाई राऊटर ले सकता है। ये ऐसे करेंगे:

    r1# standby 1 ip 10.1.1.100
    r1# standby 1 name HSRP_TEST
    r1# standby 1 priority 110
    r1# standby 1 preempt

    अब हम वर्चुअल IP एड्रेस (10.1.1.100) को देंगे, समूह नाम  HSRP_TEST और प्रायोरिटी 100.समूह संख्या 1 अकुर Preempt भी इनेबल होगा।

    r2# int fa0/0
    r2# standby 1 ip 10.1.1.100
    r2# standby 1 name HSRP_TEST
    r2# standby 1 priority 100
    r2# standby 1 preempt

    हमने R1 को प्रायोरिटी 110 दी है इसीलिए वो एक्टिव राऊटर बन जायेगा।

    इस लेख से सम्बंधित यदि आपका कोई भी सवाल या सुझाव है, तो आप उसे नीचे कमेंट में लिख सकते हैं।

    By अनुपम कुमार सिंह

    बीआईटी मेसरा, रांची से कंप्यूटर साइंस और टेक्लॉनजी में स्नातक। गाँधी कि कर्मभूमि चम्पारण से हूँ। समसामयिकी पर कड़ी नजर और इतिहास से ख़ास लगाव। भारत के राजनितिक, सांस्कृतिक और भौगोलिक इतिहास में दिलचस्पी ।

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