छह महीने पहले हरेंद्र सिंह को टीम इंडिया का हॉकी कोच चुना गया था, औऱ वह अपने लक्ष्य से ज्यादा अपने वादों के लिए जाने जाते हैं और उनका उद्देशय था कि उनकी टीम एक हमलावार हॉकी खेले।
जब से हरेंद्र सिंह टीम इंडिया के हॉकी कोच बने हैं तब से टीम नें चैंपियंस ट्राफी में सिल्वर मेडल, एशियन गेम्स में ब्राउंज मेडल और अभी हाल ही में एशियन चैंपियंस ट्राफी अपने नाम कर ली हैं। इन सब के बाद भारत नें राष्ट्रमंडल खेलो में चौथा स्थान हासिल किया था।
कोच ने कहा की जकराता में मलेशिया के खिलाफ सेमिफाइनल में मिली हार संभव नहीं थी लेकिन उनका कहना हैं कि उस के बाद से अबतक उनकी टीम ने काफी प्रगति की हैं और वह मेगा इवेंट के लिए मानसिक रुप से तैयार हैं।
कोच ने न्यूज-18 से बात करते हुए कहा कि मैं टीम के प्रदर्शन से बहुत प्रभावित हूँ और मैने टीम के सामने मानसिक और हमलावार हॉकी खेलने के लिए जो दृष्टिकोण रखा था वह पूरा होते हुए देख रहा हूं, और विश्वकप के लिए टीम की तैयारी पहले कई सालों से बहुत बहतर हैं।
हम इस समय अच्छा खेल और अच्छे नतीजे के लिए पूरी तरीके से तैयार हैं। हमारी टीम सर्वश्रेष्ठ देने के लिए तैयार हैं और किसी को नहीं पता की परिणाम क्या होंगे। कोच हरेंद्र ने कहा कि हम अपनी तरफ से हमलावार और आसान हॉकी खेलने के लिए तैयार हैं, जो कि हमें अच्छे नतीजे देंगे।
कोच हरेंद्र ने यह भी कहा कि तो हमारे लिए मैदान में हर पोजिशन को लेकर एक से अधिक विक्लप होंगे, और यही वह स्थान हैं जहा निर्णय लेने की जरुरत हैं।
हमने सबसे ज्यादा जिस चीज पर अभ्यास किया हैं वह खेल के आखिरी मिनटों में बॉल को अपने पास रखने का हैं और बॉल को गोल तक पहुंचाने की कोशिश करी हैं। इंडियन हॉकी टीम के कोच ने यह भी कहा कि हम अपने फिट खिलाड़ियों को ही मैदान पर उतारेंगे क्योंकि हम नहीं चाहते कोई इंजरी से जूझा हुआ खिलाड़ी टीम में शामिल हो।
2018 हॉकी का विश्वकप इस बार भारत के भुवनेश्वर शहर में खेला जाएगा। भवुनेश्वर के कलिंगा स्टेडियम में ही सारे मैचों का आयोजन होगा। भारत का पहला मैच 28 नबंबर को दक्षिण अफ्रीका के साथ हैं।