बरेली। गुरुवार को राष्ट्रीय स्तर के खिलाडी विनोद सिंह रावत की संदिग्ध मौत हो गयी। स्टेडियम में दौड़ लगाने गए विनोद सिंह रावत का शव हॉकी मैदान में बने रेसिंग ट्रैक पर मिला।
अंदाजा लगाया जा रहा है कि ट्रैक पर दौड़ लगाते समय उनकी मौत हुई। पोस्टमॉर्टम से भी मौत का कारण पता न चलना भी आश्चयर्जनक है इसी वजह से बिसरा को सुरक्षित रख लिया गया है।
विनोद सिंह रावत 2013 में बिहार की तरफ से हॉकी की चार नेशनल प्रतियोगिताओं में भाग ले चुके हैं। साथी खिलाडियों के अनुसार उन्हे हॉकी से बहुत प्रेम था वह रोज अपने समयानुसार प्रैक्टिस पर आते थे।
विनोद रोज़ाना की तरह एस्ट्रोटर्फ ग्राउंड पर दौड़ रहे थे। तभी अचानक उनकी तबियत बिगड़ गयी उस वक्त साथी खिलाड़ियों ने ने उन्हे पास के चिकित्सालय में भर्ती कराया वहां डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
शव के पोस्टमॉर्टम के बाद भी मौत की वजह साफ़ नही हो सकी। विनोद के पिता एक फौजी थे जो 2010 में रिटायर हुए थे नौ महीने पहले उनकी भी मौत हो चुकी है। विनोद अपने तीनो भाईयों में सबसे छोटे है हॉकी से लगाव के कारण उन्होने इंटर के बाद पढाई छोड़ दी।
कैंट क्षेत्र के गांव भरतौल में रहने वाले विनोद सिंह रावत बिहार की तरफ से दिल्ली, पंजाब, बंगलुरु और रांची में जाकरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में हिस्सा ले चुके थे।
यही नहीं विनोद अपने इस छोटे से करियर में पांच स्वर्ण और सात रजत पदक जीत चुके थे। विनोद ओलम्पिक में पदक लाने के साथ साथ राष्ट्रीय टीम का कोच भी बनना चाहते थे। हमें अत्यंत दुख है की हमने एक विजेता खिलाडी को खो दिया।