‘मुक्काबाज़’ के साथ बॉलीवुड में अपनी पहली मुख्य भूमिका पाने के बाद विनीत कुमार सिंह शहर की चर्चा बन गए थे। वह उन अभिनेताओं में से एक हैं, जो बेहद प्रतिभाशाली होने के बावजूद वर्षों तक किसी का ध्यान आकर्षित नहीं कर पाए। एक बाहरी व्यक्ति होने के नाते, यह अभिनेता के लिए लंबे समय से प्रतीक्षित मार्ग रहा है। चूँकि विनीत आज अपना 39 वां जन्मदिन मना रहे हैं, आइये यहां उनकी यात्रा पर एक नजर डालते हैं-
वाराणसी से ताल्लुक रखने वाले अभिनेता पहली बार 1999-2000 में मुंबई आए और 2017 की फिल्म ‘मुक्काबाज़’ में मुख्य भूमिका पाने के लिए उन्हें बहुत संघर्ष करना पड़ा।
मेडिकल स्कूल में दाखिला लेने वाले विनीत ने इसलिए पढ़ाई नहीं छोड़ी थी कि उनके पास एक बैक-अप प्लान हो सकें। अभिनेता आयुर्वेद में एमडी हैं।
हालाँकि वे अनुराग कश्यप को व्यक्तिगत रूप से जानते थे लेकिन उन्होंने कभी उनसे काम नहीं मांगा। ‘गैंग्स ऑफ़ वासेपुर’ के दौरान ही उन्होंने निर्देशक से संपर्क किया और एक भूमिका निभाई। बाद में उन्होंने ‘बॉम्बे टॉकीज’ और ‘अग्ली’ में भी काम किया।
‘मुक्काबाज़’ की पटकथा लिखने के बाद, अभिनेता मुख्य भूमिका भी निभाना चाहते थे, लेकिन जब भी उन्होंने पटकथा सुनाई, लोग उन्हें मुख्य भूमिका देने के विरोध में थे।
बार बार रिजेक्शन मिलने के बाद भी, अभिनेता अड़े रहे और आखिरकार, 3 साल बाद उन्होंने फिर से अनुराग कश्यप का रुख किया, जो उनकी फिल्म बनाने के लिए सहमत हो गए।
अक्षय कुमार अभिनीत फिल्म ‘गोल्ड’ में अभिनेता को आखिरी बार बड़े पर्दे पर देखा गया था लेकिन वह बहुत जल्द आगामी फिल्म ‘सांड की आंख’ में दिखने के लिए तैयार हैं जो इस दिवाली बड़े परदे पर रिलीज़ होगी।