राहुल द्रविड़, जो आईसीसी हॉल ऑफ फेमर रह चुके, वह आज अपना 46वां जन्मदिन बना रहे है। जब वह भारतीय टीम की तरफ से खेलते थे तो वह एक शांत स्वभाव के खिलाड़ी थे। अपने खेल के दिनों में भारतीय बल्लेबाजी द्रविड़ को ‘द वॉल’ के रूप में जाना जाता था। जिसके बावजूद द्रविड़ शांत रहे और क्रीज पर रहने के दौरान गेंदबाजों के धैर्य और सहनशक्ति का परीक्षण किया। उन्होने अपने पूरे करियर में सिर्फ एक टी-20 मैच खेला है, लेकिन सुर्खियो में आने के लिए यह एक मैच भी बहुत था, क्योंकि उन्होने अपने उस मैच में सामित पटेल की तीन गेंदो में लगातार तीन छक्के लगाए थे। और उनकी यह बल्लेबाजी देखकर उनके प्रशंसक भौचक्के रह गए थे।
पूर्व भारतीय कप्तान अब हेड कोच की टोपी पहनकर भारत ए और अंडर -19 टीम के प्रभारी हैं। उनके संरक्षण में, भारत U-19 टीम ने 2016 में जूनियर विश्व कप के फाइनल के लिए क्वालीफाई किया और 2018 में ट्रॉफी प्राप्त की। उन्हें भारत ए के खिलाड़ियों के साथ-साथ भारतीय टीम में स्नातक करने का श्रेय दिया जाता है। मयंक अग्रवाल और पृथ्वी शॉ इसके बेहतरीन उदाहरण हैं।
यह मायने नही रखता है कि मैदान के बाहर उनको कितनी वाहवाही मिली है, द्रविड़ को हमेशा उनकी बल्लेबाजी और वह कितनी देर तक क्रीज पर खड़े रहते थे उसके लिए याद किया जाता था। उनके जन्मदिन के मौके पर, आए जानते है उनके पांच रिकॉर्ड के बारे में-
वह ऐसे बल्लेबाज है जिन्होने टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा गेंदे खेली है-
सचिन तेंदुलकर खेल के सबसे बड़े प्रारूप में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी हो लेकिन जिन्होने इस प्रारूप में सबसे ज्यादा गेंदे खेली है वह राहुल द्रविड़ है। आईसीसी के हाल ऑफ फेमर ने अपने 16 साल के क्रिकेट करियर में 32158 गेंदे खेली है, जबकि तेंदुलकर ने अपने करियर में 29437 गेंदे खेली है।
भारत की तरफ से टेस्ट क्रिकेट में दूसरे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी है-
द वॉल ने अपने पूरे करियर में 164 टेस्ट मैच खेले है जिसमें उन्होने 286 इनिंग खेली है। 31258 गेंद खेलने के दौरान, द्रविड़ ने 52.31 की औसत से 13288 रन बनाए है। वह टेस्ट क्रिकेट में तेंदुलकर के बाद भारत की तरफ से सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी है।
भारत की तरफ से उन्होने टेस्ट क्रिकेट में दूसरी सबसे बड़ी साझेदारी भी की है-
राहुल द्रविड़ ने वीरेंद्र सहवाग के साथ मिलकर भारतीय टेस्ट क्रिकेट के इतिहास दूसरी सबसे बड़ी साझेदारी की थी। इन दोनो ने साथ मिलकर पाकिस्तान के खिलाफ लाहौर में सीरीज ओपनर मैच में पहली विकेट के लिए 410 रन की साझेदारी की थी। वह पंकज रोय और विनु मंकड के 413 रन के रिकॉर्ड को तोड़ने से चुक गए थे। जिसमें सहवाग नवेद-उल-हक का शिकार बन गए थे।
नॉन-विकेटकीपर द्वारा सबसे अधिक कैच-
अपने खेल के दिनो में, द्रविड़ के हाथो से कोई कैच नही छूठती थी, और टीम में उनको सुरक्षित हाथो से कैच लपकने वाला खिलाड़ी माना जाता था। वह मैच के दौरान ज्यादातर स्लिप में नजर आते थे, उन्होनें एक नॉन-विकेटकीपर होने के रूप में (210 कैच) लिए है, जो कि एक रिकॉर्ड है। उसके बाद इस लिस्ट में उनके पिछे महिला जयवर्धने (205 कैच) औऱ जॉक कैलिस के नाम (200 कैच) है।
टेस्ट मैचो में भारत के लिए लगातार शतक लगाने वाले खिलाड़ी-
द्रविड़ साल 2002 में बहुत शानदार फार्म में थे, जब टीम इंग्लैंड दौरे पर थी। और उन्होने उस वक्त तीन इनिंगो में लगातार 3 शतक जड़े थे। फिर जब टीम देश वापस लौटी फिर उन्होने वेस्ट इंडीज के खिलाफ एक और शतक लगाया था। औऱ उन्होने उसके बाद विजय हजारे, सुनिल गावस्कर और विनोद कांबले के तीन लगातार टेस्ट शतक का रिकॉर्ड तोड़ा था।