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दिल्ली के निर्भया दुष्कर्म व हत्या मामले के दोषियों के वकील ने हैदराबाद में पशु चिकित्सक युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म करने और उसके बाद उसे जलाकर मार डालने के आरोपियों को तेलंगाना पुलिस द्वारा शुक्रवार को एक मुठभेड़ में मार गिराने की घटना को ‘असंवैधानिक’ और ‘गैर-कानूनी’ बताया है।

वकील डॉ. ए.पी. सिंह ने आईएएनएस से कहा, “पशु चिकित्सक के साथ जो हुआ, वह पूरी तरह से गलत है, लेकिन पुलिस द्वारा चारों आरोपियों का एनकाउंटर मानवधिकार का उल्लंघन, संसद के बनाए हुए नीति-निर्देशक तत्वों का उल्लंघन, देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट की बनाई गई गाईडलान का उल्लंघन है। यह पूरी तरह से गलत है और इसकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए, क्योंकि अगर ऐसा शुरू हो गया तो ट्रायल का क्या मतलब, कोर्ट का क्या मतलब, भारत के संविधान का क्या मतलब रह जाएगा।”

यह पूछे जाने पर कि क्या इस मुठभेड़ का निर्भया के दोषियों या खुद वकील ए.पी. सिंह पर कोई असर पड़ेगा? निर्भया मामले में दोषी पवन कुमार गुप्ता, विनय शर्मा और अक्षय कुमार सिंह के वकील ने कहा, “इसका असर पूरे देश पर पड़ेगा, जितने भी अंडरट्रायल कैदी हैं, उनपर पड़ेगा। फिर तो कोर्ट की जरूरत ही नहीं है। जिसके शिंकजे में जो आ जाए उसे मार दो। इस देश में जो मर्डर करते हैं, फिर उसको क्यों नहीं मार देते। हजारों घोटालों की वजह से अर्थव्यवस्था बिगड़ती है, जिसकी वजह से गरीब-मजदूर आत्महत्याएं कर लेते हैं। फिर ऐसा करने वालों के खिलाफ क्यों न एनकाउंटर हो। फिर तो यह वृहत रूप से हो। विदेशों में बैठे हजारों-करोड़ों रुपये के घोटालेबाजों को यहां से जाकर क्यों नहीं मार देते।”

उन्होंने कहा, “मैंने सुना है कि पशु चिकित्सक (पीड़िता युवती) के आरोपी पुलिस के हथियार छीनकर भाग रहे थे। उन्हें हथकड़ी पहना कर ले जाना चाहिए था।”

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