युनाइडेट किंग्डम (यूके) के एक हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि हैदराबाद के निजाम के फंड के मामले में पाकिस्तान सरकार को 60 लाख पाउंड देने होंगे। यह मुकदमे के कानूनी खर्च की भरपाई के लिए होगा जिन्हें हैदराबाद के निजाम के वारिसों को वहन करना पड़ा था।
इस खर्च की भरपाई के लिए हैदराबाद के निजाम के वारिसों ने अदालत में अर्जी दी थी। अदालत ने यह फैसला तब लिया जब पाकिस्तान के प्रतिनिधि ने कहा कि वह लंदन हाईकोर्ट के उस फैसले के खिलाफ अपील नहीं करेगा जिसमें हैदराबाद के निजाम के उत्तराधिकारियों को तीन करोड़ पचास लाख पाउंड के फंड का मालिकाना हक दिया गया था।
लंदन हाईकोर्ट के जज मार्कस स्मिथ ने गुरुवार को यह आदेश पारित किया। पाकिस्तान को यह धन मुख्य रूप से निजाम के वारिसों मुकर्रम जाह, उनके छोटे भाई मुफक्कम जाह, भारत सरकार और नेटवेस्ट बैंक को देना होगा।
पाकिस्तान की लीगल टीम ने ‘द न्यूज’ संवाददाता से कहा कि पाकिस्तान की सरकार ने इस मामले में अपील करने के लिए नहीं कहा था।
इस साल अक्टूबर में अदालत ने यह फैसला दिया था कि नेटवेस्ट बैंक एकाउंट में मौजूद साढ़े तीन करोड़ पाउंड के फंड को हासिल करने का अधिकार हैदराबाद के निजाम के वारिसों को है। अदालत ने कहा था कि पाकिस्तान इस फंड पर अपना अधिकार साबित करने में विफल रहा है।