सुप्रीम कोर्ट तेलंगाना मुठभेड़ के खिलाफ दायर एक याचिका पर सुनवाई के लिए सोमवार को सहमत हो गया। सुनवाई बुधवार को होगी। प्रधान न्यायाधीश एस. ए. बोबडे की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि वह इस बात की भी जांच करेगी कि तेलंगाना हाईकोर्ट क्या निगरानी कर रही है। शनिवार को दो वकीलों द्वारा दायर की गई याचिका में पुलिस के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने और इस मामले की एक स्वतंत्र जांच कराने की मांग की गई है, जिसमें हैदराबाद में पशु चिकित्सक युवती के साथ दुष्कर्म और हत्या के चार आरोपियों को कथित तौर पर एक मुठभेड़ में मार दिया गया था।
याचिकाकर्ताओं जी.एस. मणि और प्रदीप कुमार यादव ने मुठभेड़ की जांच कराने के लिए एक प्राथमिकी दर्ज करने और फिर सीबीआई, एसआईटी, सीआईडी या अन्य राज्यों के पुलिस अधिकारियों की टीम से जांच के निर्देश देने की मांग की है।
याचिका में शीर्ष अदालत से आग्रह किया गया है कि स्वतंत्र जांच एजेंसी को फर्जी मुठभेड़ हत्याओं में निर्धारित दिशानिर्देशों के अनुसार निर्देशित किया जाना चाहिए।
याचिका में आरोप लगाया गया है कि पुलिस द्वारा की गई गलतियों पर पर्दा डालने के लिए मुठभेड़ को अंजाम दिया गया।
अधिवक्ता मनोहर लाल शर्मा द्वारा दायर दूसरी याचिका, जिसे अभी तक अदालत में सूचीबद्ध किया जाना है, में कहा गया है कि पुलिस हिरासत में चार गिरफ्तार लोगों की हत्या कथित रूप से राजनीतिक मांग के कारण और मीडिया ट्रायल में तेजी से वृद्धि और आरोपियों को बिना मुकदमे के तुरंत फांसी देने की मांग के कारण की गई, जो कि अनुच्छेद 21 का गंभीर उल्लंघन है।
याचिका में शर्मा ने कहा, “यह संवैधानिक प्रणालियों और भारत के नागरिकों के लिए जीवन और स्वतंत्रता को खतरे में डालने वाली एक गंभीर चोट है।”