Sat. Nov 23rd, 2024
    केंद्रीय मंत्री अनंत हेगड़े

    विवादित बयानों की वजह से नेताओं को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। जाने अनजाने में दिए बयान उनके लिए महंगे पड़ रहे है। लोग इन बयानों पर नेताओं का विरोध कर रहे है। आज कुलभूषण पर दिए गए बयान की वजह से जहां सपा नेता विवादों में फंस गए वहीं संविधान पर दिए अपने बयान के कारण बीजेपी नेता अनंत हेगड़े विरोधियों के निशाने पर आ गए।

    दरअसल कर्नाटक में हेगड़े ने यह कहकर माहौल गरमा दिया था कि ‘जो लोग खुद को सेकुलर कहते हैं, वे अपने कुल के बारे में नहीं जानते है”, उन्होंने धर्मनिपेक्षता की बात करने वाले लोगों को आड़े हाथों लेते हुए कहा था कि “सेकुलरों को अपने मां-बाप के खून का पता नहीं है इसलिए वो खुद को धर्मनिरपेक्ष बताते हैं, ऐसे लोगों की अपनी कोई पहचान नहीं है।”

    हेगड़े यहीं नहीं रुके बल्कि उन्होंने संविधान पर भी बयान दे डाला। संविधान पर बड़ा बयान देकर हेगड़े ने विपक्षियों को हमला करने का सुनहरा मौका दे दिया। कर्नाटक में बीजेपी के इस नेता के बयान पर राजनीति शुरू हो गयी है। हेगड़े ने संविधान के बारे में कहा था कि “मैं संविधान का आदर करता हुँ लेकिन संविधान को बदल दिया जाएगा। हमारी पार्टी इसलिए ही सत्ता में आयी है ताकि संविधान को बदला जा सके।”

    उनके इस बयान पर तुरंत कर्नाटक से प्रतिक्रियाएं आने लगी। हमले की फिराक में बैठी विपक्ष भी एक्टिव हो गयी। कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया ने कहा कि हेगड़े संसदीय और राजनीतिक भाषा नहीं जानते।

    राज्यसभा में हुआ हंगामा

    जैसा कि आज पहले से ही इस बात के अंदेशे लगाए जा रहे थे कि संसद के कार्य में विपक्ष खलल डाल सकती है हुआ भी कुछ वैसा ही। विपक्ष ने मनमोहन, कुलभूषण जैसे मुद्दों को उठा कर संसद में हंगामा शुरू कर दिया।

    सदन में हेगड़े के बायनों पर विपक्ष आक्रमक नजर आयी। बयान पर विपक्ष का हंगामा इतना बढ़ गया जिससे सदन की कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा। विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने हेगड़े को घेरते हुए कहा अभी तक सत्ता पक्ष ने अपने एक बयान पर स्पष्टीकरण नहीं दिया है लेकिन दूसरा विवादित बयान देकर देश का माहौल खराब कर दिया है।

    आजाद ने सदन में यह मांग की कि हेगड़े को अपने बयान पर स्पष्टीकरण देना चाहिए। आजाद ने कहा कि जिस इंसान को संविधान में विश्वास नहीं है उसे संसद में बैठने का कोई हक़ नहीं है।