टोरंटो, 9 मई (आईएएनएस)| चीनी टेलीकम्युनिकेशन कंपनी हुआवेई की मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) मेंग वांझोऊ को पिछले साल अमेरिकी सिफारिश पर कनाडा द्वारा गैरकानूनी रूप से गिरफ्तार किया गया था और वाशिंगटन द्वारा उनके प्रत्यर्पण के आग्रह को खारिज किया जाना चाहिए। मेंग के वकीलों ने बुधवार को कनाडा में एक न्यायाधीश से यह कहा।
बचाव पक्ष के वकीलों ने मेंग को वेंकूवर अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे से हिरासत में लेने को शक्ति का दुरोपयोग बताया और कहा कि 23 सितंबर को अगली सुनवाई पर वे ब्रिटिश कोलंबिया सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश हेदर होम्स से यह मामला खत्म करने का आग्रह करेंगे।
सितंबर सत्र के बाद प्रक्रिया में प्रगति मानते हुए अदालत तुरंत प्रत्यर्पण की वैधता पर सुनवाई करेगी जो अगले साल जनवरी में होगा।
हुआवेई के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) रेन झेंगफेई की बेटी मेंग को एक दिसंबर को हांगकांग से मेक्सिको जाते समय वेंकूवर में हिरासत में ले लिया गया था।
वे तब से जमानत पर हैं, यद्यपि वेंकूवर में उनके दो घरों में एक घर में रहते समय उन पर इलेक्ट्रॉनिक निगरानी रखी जाती है। होम्स ने बुधवार को मेंग की शहर में दूसरे घर में जाने के आग्रह को स्वीकार कर लिया।
जनवरी में, अमेरिका के संघीय अभियोजकों ने मेंग को ईरान के खिलाफ अमेरिका के एकतरफा प्रतिबंधों से हुआवेई को बचाने के लिए बैंक धोखाधड़ी, वायर धोखाधड़ी और अन्य वित्तीय गड़बड़ियों का आरोप लगाया था।
मेंग के साथ बुधवार को सुनवाइ के लिए वेंकूवर आए वकीलों ने न्यायाधीश से कहा कि वे एक दिसंबर को गिरफ्तारी की परिस्थितियों के बारे में अभियोजन पक्ष से और जानकारी मागेंगे।
हुआवेई के मीडिया मामलों के उपाध्यक्ष बेंजामिन होव्स ने अदालत के बाहर कहा, “आरसीएमपी (रॉयल कनाडाई माउंटेड पुलिस) ने गिरफ्तारी वारंत पेश करने में जानबूझकर देरी की ताकि सीमा पर नियमित जांच के बहाने मेंग को गैरकानून रूप से हिरासत में लिया जा सके और उनके खिलाफ जांच की जा सके।”
होम्स ने कहा, “उनके सामान की तलाशी ली गई। उनके फोन, अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज को एफबीआई के निर्देश पर जब्त कर लिया गया और उन्हें उनका पासपोर्ट दिखाने के लिए मजबूर किया गया।”
हुआवेई टैक्नोलॉजीज कंपनी लिमिटेड दुनिया की सबसे बड़ी टेलीकम्युनिकेशंस निर्माता कंपनी है और चीन की प्रमुख उद्यमी है। बीजिंग ने इस पर कड़ी नाराजगी जताई है।
मेंग की गिरफ्तारी के बाद चीन में कई कनाडाई लोगों को हिरासत में लिया जा चुका है।