हिमाचल प्रदेश में बीजेपी ने जीत अर्जित कर ली है। अब यह बात तय है कि इस प्रदेश में भाजपा ही सरकार बनाएगी। लेकिन सबकुछ जितना सामान्य दिख रहा है असल में उतना सामान्य नहीं है। पार्टी ने भले ही बाहरी ताकतों से लड़ाई जीत ली है लेकिन अब लड़ाई पार्टी के अंदर शुरू हो चुकी है।
जी हां, मुख्यमंत्री पद के लिए अब दावेदारी तेज हो गयी है। मुख्यमंत्री पद के लिए भाजपा भले ही अभी आपसी मंथन कर रही है लेकिन वहां के पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने अपनी चाल चल दी है। कहते है सत्ता का मोह इतनी आसानी से नहीं छूटता, यह बात धूमल पर एक दम यथार्थ मालुम पड़ती है।
धूमल किसी भी हालत में मुख्यमंत्री बनना चाहते है, यही कारण है कि विधानसभा चुनाव में करारी हार का सामना करने के बावजूद पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल पीछे हटने को तैयार नहीं है। अभी पर्यवेक्षकों का दौरा बाकी है लेकिन पार्टी की और से पहले नव निर्वाचित 44 में से 22 विधायकों ने धूमल को अपना खुला समर्थन दे दिया है।
गौरतलब है कि धूमल की हार के बाद पार्टी में मुख्यमंत्री पद की दौड़ शुरू हो गयी है। इस दौड़ में सबसे आगे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा और पांचवीं बार विधायक बने जयराम ठाकुर सबसे आगे नजर आ रहे है।
फिलहाल पार्टी इस बारे में कुछ कहने से बच रही है। बीजेपी विधायकों के अनुसार उन्हें किसी भी प्रकार की बैठक की सुचना नहीं दी गयी है लेकिन उसके बावजूद भी अधिकतर विधायक शिमला पहुँच गए है।
धूमल को विधायक बनाने की मांग पार्टी में जोर पकड़ने लगी है। पार्टी के अंदर जिस तरह का माहौल देखने को मिल रहा है उस से यह बात साफ़ दिख रही है कि मुख्यमंत्री पद के लिए अब घमासान तेज हो गया है।