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    हिमाचल मंत्रिमंडल में नई सरकार

    हिमाचल प्रदेश भले ही शांत वादियों के लिए प्रसिद्ध हो लेकिन इसका मतलब यह बिलकुल नहीं कि यहां की राजनीति भी अपराध मुक्त और धन मुक्त है। जी हां, तमाम प्रदेशों की तरह हिमाचल की राजनीति में भी धनबल और बाहुबल का दबदबा है।

    नई सरकार में चुने गए 12 मंत्रियों में से पांच मंत्री ऐसे है जिन पर आपराधिक मामले दर्ज है। जबकि शिक्षा के हिसाब से भी मंत्रिमंडल का रिजल्ट पुअर से थोड़ा ही ठीक है। कैबिनेट में तीन मंत्री तो ऐसे है जो मात्र 12वीं पास हैं, जबकि अन्य आठ मंत्री स्नातक पास हैं और एक के पास डॉक्ट्रेट की डिग्री है।

    धनबल में भी इन मंत्रियों का कोई मुकाबला नहीं है। हिमाचल कैबिनेट में अधिकतर मंत्री पहले से ही करोड़पति है। ‘हिमाचल प्रदेश इलेक्शन वॉच एंड द एसोसिएशन फॉर डेमोक्रोटिक रिफॉर्म’ की एक रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में औसतन राज्य के मंत्रियों के पास 7.17 करोड़ से ज़्यादा की संपत्ति है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कैबिनेट के 12 में से 8 मंत्री करोड़ो के मालिक है। मंत्रिमंडल में जो लोग है उनका समाज में अच्छा दबदबा है और अधिकतर ऊँची राजनीतिक पहुँच रखते है।

    जयराम है प्रदेश के नए मुख्यमंत्री

    धूमल जैसे बड़े राजनेताओं को पछाड़ जयराम हिमाचल की सत्ता पाने में कामयाब रहे। कल उन्होंने 10 मंत्रियों के साथ अपने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। समारोह में दो विधायक ऐसे भी रहे जिन्होंने अपने मंत्री पद की शपथ संस्कृत में ली।

    जयराम का यह शपथ ग्रहण  समारोह इसलिए भी ख़ास था क्यूंकि मंडी जिले से कोई विधायक मुख्यमंत्री पहली बार बना। इससे पहले कई मुख्यमंत्री कांगड़ा, हमीरपुर और शिमला जिले से बन चुके है। अपने शपथ ग्रहण समारोह में जयराम ने सभी प्रदेश वासियों को आने का निमंत्रण दिया था।

    ये विधायक बने मंत्री

    हिमाचल में इस बार महेंद्र सिंह ठाकुर, राजीव सैजल, सुरेश भारद्वाज, अनिल शर्मा, गोविंद ठाकुर, विपिन परमार, वींरेंद्र कवंर, सरवीन चौधरी और विक्रम सिंह ने मंत्री पद की शपथ ली। यह सभी चेहरे हिमाचल की राजनीति में अपनी एक अलग पहचान रखते है।

    शपथ ग्रहण समारोह के दौरान जयराम थोड़े भावुक दिखे। उन्होंने अपने पिता को याद करते हुए कहा कि “आज अगर पिता जी साथ होते तो उन्हें बहुत अच्छा लगता, माँ बीमार है लेकिन हां उनका आशीर्वाद सदैव मेरे साथ है।”