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    शिमला, 28 जून (आईएएनएस)| हिमाचल प्रदेश के अधिकारियों ने सरकारी स्कूलों में सभी शिक्षकों को ‘यौन शोषण की घटनाओं से बचने’ के लिए फैशनेबल कपड़े नहीं पहनने का निर्देश जारी किया है। सरकार एक कदम आगे बढ़ते हुए शिक्षकों के लिए उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में एक ड्रेस कोड लागू करने पर भी विचार कर रही है।

    शिक्षामंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि सोलन के एक सरकारी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के शिक्षकों का एक ड्रेस कोड है।

    उन्होंने कहा, “इसमें कोई बुराई नहीं है, यदि दूसरे स्कूलों में भी इसे लागू कर दिया जाए। ड्रेस कोड लागू करने से पहले हम शिक्षकों से जल्द बात करेंगे।”

    अधिकारियों ने कहा कि ड्रेस कोड लागू करने का मुख्य उद्देश्य शिक्षक-शिक्षिकाओं को ‘छोटे और तंग कपड़े’ पहनने से रोकना है।

    उन्होंने कहा कि इससे शिक्षण संस्थानों में यौन शोषण की घटनाओं से बचने में मदद मिलेगी।

    उच्च शिक्षा निदेशक अमरजीत शर्मा ने कहा कि एक शिक्षक छात्रों के लिए एक आदर्श स्थापित करता है।

    उन्होंने कहा, “यदि शिक्षक सरल जीवन अपनाते हैं, तो छात्र निश्चित रूप से उनका अनुसरण करेंगे।”

    पुरुष शिक्षकों के लिए औपचारिक पैंट और शर्ट का प्रस्ताव है और महिला शिक्षकों के लिए या तो साड़ी या सलवार सूट अनिवार्य होगा।

    महिला शिक्षकाओं को लेगिंग या जींस पहनने की अनुमति नहीं होगी।

    हालांकि कुछ शिक्षकों ने इस फैसले का स्वागत किया है, तो वहीं कुछ ने इसे अपमानजनक फैसला करार दिया।

    इस पर्वतीय राज्य में 15,162 सरकारी स्कूल हैं, जिनमें से 10,650 प्राथमिक और 4,512 उच्च प्राथमिक विद्यालय हैं।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

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