Sat. Nov 16th, 2024
    himachal secretariat

    हिमाचल प्रदेश की चार लोकसभा सीटों पर मतदान में करीब एक महीना शेष है, लेकिन एल्लर्सली बिल्डिंग में संचालित राज्य सचिवालय इन दिनों सुनसान पड़ा हुआ है। जयराम ठाकुर मंत्रिमंडल में शामिल कोई भी मंत्री सचिवालय नहीं आ रहे हैं।

    यहां तक कि नौकरशाह और अधिकारी भी अधिकतर समय कार्यालय से दूर रहते है, जिससे उन लोगों में काफी निराशा है, जो काफी दूर से अपने समस्या के समाधान के लिए यहां आते हैं।

    बुजुर्ग दुर्गा नेगी जो यहां अपने बेटे के इलाज के लिए वित्तीय सहायता के संबंध में मुख्यमंत्री से मुलाकात करने के प्रयास में आती हैं, उन्होंने कहा, “मैं यहां रोज उनसे मिलने आती हूं, लेकिन मुझे उनके कर्मचारी ने बताया है कि वह चुनावी दौरों में व्यस्त हैं लेकिन वह किसी भी दिन कार्यालय आ सकते हैं।”

    अपने हाथ में मेडिकल बिल लेकर आईं शिमला जिले के चोपाल की यह खेतीहर मजदूर मुख्यमंत्री राहत निधि से 2,00,000 रुपये की वित्तीय सहायता चाहती हैं। उनका बेटा जन्मजात हृदय रोग से जूझ रहा है।

    औसतन, राज्य के विभिन्न जिलों से सौ से ज्यादा लोग अपनी किसी न किसी समस्या को लेकर मुख्यमंत्री से मुलाकात करने आते हैं। अधिकारियों ने स्वीकार किया कि यहां आने वाले पांच से 10 आगंतुक ऐसे हैं जिन्हें वास्तव में वित्तीय सहायता की जरूरत है।

    अन्य आगंतुकों में वे छात्र हैं, जिन्हें उच्चतर शिक्षा के लिए पैसे की जरूरत है।

    अधिकतर नौकरशाह अन्य राज्यों में चुनाव तैयारियों के प्रबंधन में व्यस्त हैं। जो यहां हैं वे सचिवालय से फिलहाल दूर रहना ही मुनासिब समझ रहे हैं।

    भोजन अवकाश के बाद यहां उपस्थिति लगभग नगण्य हो जाती है।

    एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने स्वीकार किया, “सचिवालय का काम सभी चुनावों में -चाहे वह विधानसभा, लोकसभा या फिर स्थानीय निकाय का चुनाव हो, सभी के दौरान लगभग एक महीने तक लगभग ठप हो जाता है। अधिकतर अधिकारी आचार संहिता लागू होने की वजह से कोई भी निर्णय लेने से बचते हैं।”

    उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री लगातार अपने मंत्रिमंडल के सहयोगियों से क्षेत्रों में दौरा करने के बदले अधिकतर समय कार्यालयों में बिताने की सलाह देते हैं, लेकिन चुनाव के समय स्थिति बहुत खराब हो जाती है।

    यहां तक कि सुरक्षाकर्मी भी सचिवालय में वीआईपी की अनुपस्थिति में आराम फरमाते नजर आते हें।

    वरिष्ठ माकपा नेता और विधायक राकेश सिंघा ने 18 अप्रैल को आए आंधी-तूफान में फल व सब्जी उगाने वाले किसानों की फसल बर्बाद होने के बाद मुआवजा राशि का ऐलान नहीं करने को लेकर शुक्रवार को भाजपा सरकार पर निशाना साधा था।

    उन्होंने दावा किया कि किसानों को 7 करोड़ रुपये की क्षति हुई है।

    मुख्य सचिव बी.के अग्रवाल को लिखे पत्र में उन्होंने तत्काल फसलों के नुकसान का पता लगाने और मुआवजा राशि जारी करने की मांग की थी।

    हिमाचल की चार लोकसभा सीटों के लिए चुनाव 19 मई को होंगे।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *