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    राहुल गाँधी, हिमाचल प्रदेश

    हिमांचल के लिए सियासी युद्ध अब थमने को है। लेकिन कांग्रेस ने अपनी गुजरात की रैलियों को ध्यान में रखते हुए हिमांचल को अपने मुख्यमंत्री वीरभद्र पर ही छोड़ दिया है। 9 नंवबर को यहाँ चुनाव होने है लेकिन कांग्रेस गुजरात में अपनी रैलियों को लेकर ज्यादा व्यस्त है।

    चुनाव प्रचार के अंतिम समय में राहुल ने हिमांचल को याद किया है। प्रचार के अंतिम चरण में कांग्रेस पार्टी के उपाध्यक्ष राहुल गाँधी हिमांचल में रैली कर रहे है। ऐसे हालात तब आये जब बीजेपी की ओर से पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और प्रधानमंत्री मोदी हिमांचल में चुनाव प्रचार कर चुके है।

    कांग्रेस के हिमांचल चुनाव में धीरे पड़ जाने से, प्रधानमंत्री ने अपने भाषण के दौरान कहा की कांग्रेस मैदान छोड़ कर भाग गई है। जिसकी वजह से उन्हें चुनाव में मज़ा नहीं आ रहा है। देखा जाए तो इतिहास गवाह है कि हिमांचल में एक बार बीजेपी तो एक बार कांग्रेस की सरकार रहती है। अगर यह परम्परा कायम रहती है तो सुनिश्चित है कि बीजेपी अपनी जीत पक्की कर लेगी।

    हिमांचल में बीजेपी ने अपनी शक्ति जाहिर करते हुए प्रचार में कांग्रेस को पीछे छोड़ दिया है। यहाँ बीजेपी के दिग्गज नेताओ के अलावा न्यूज़ और अखबारों में भी भाजपा प्रचार प्रसार करवा रही है। हिमांचल के लोकल टीवी चैनलों से लेकर अखबारों और सड़क के किनारे बड़े-बड़े बैनर लगाकर प्रचार किया जा रहा है। दूसरी तरफ कांग्रेस है जिसने 30 से 40 स्टार प्रचारक की फ़ौज हिमांचल के चुनाव में उतारने का ऐलान किया था। इसके बावजूद कांग्रेस का कोई प्रचारक मैदान में नहीं दिखा।

    प्रधानमंत्री ने तंज कस्ते हुए कहा कि कांग्रेस पहले ही हार मान चुकी है इसलिए उसके वरिष्ठ नेताओ ने प्रचार में आने से मना कर दिया है। और मुख्यमंत्री वीरभद्र को उनकी तक़दीर के हवाले छोड़ दिया है। मोदी ने भाषण के दौरान कांग्रेस पर तीखा निशाना साधते हुए उनकी तुलना दीमक से की।

    रविवार को नरेंद्र मोदी ने हिमाचल के ऊना में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा कि इस बार मजा नहीं आ रहा है। क्योंकि कांग्रेस पार्टी मैदान छोड़कर भाग चुकी है। कांग्रेस की चुटकी लेते हुए पीएम ने कहा मीडिया में भी बीजेपी के बारे में ही लिखा जा रहा है। अरे भाई कांग्रेस के नेता आते, धूमल नहीं तो मोदी पर ही हमला करते पर इस बार कुछ नहीं दिख रहा है। यह चुनाव पूरी तरह एकतरफा हो चुका है।

    हिमाचल प्रदेश में कुल 68 विधानसभा सीटें है। पिछले विधानसभा चुनाव में राज्य की 68 सीटों में से कांग्रेस को 36 बीजेपी को 26 तो अन्य को 6 सीटें मिली थीं। लेकिन इस बार कांग्रेस ने हिमांचल को भुला कर गुजरात पर सारा ध्यान केंद्रित कर दिया है। क्योकि कांग्रेस वहां अपनी जीत गिन रही है पार्टी को विश्वास हो गया है कि गुजरात में कांग्रेस ने अपने जीत का रास्ता साफ कर लिया है। इसी कारण पार्टी ने हिमांचल को हल्के में लिया है।