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    हिमाचल प्रदेश की ठंडी वादियों में प्रदेश को चुनावी गर्माहट ने गर्मी बढ़ा दी है। हिमाचल प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनावों में कुल्लू और मनाली एक पर्यटक स्थल ना बनकर एक सियासी मैदान भी बन गया है। वर्ष 2008 में कुल्लू और मनाली दोनों विधानसभा क्षेत्र अलग हो गए। हिमाचल प्रदेश की विधानसभा सीट संख्या-22 मनाली विधानसभा और मंडी विधानसभा क्षेत्र के अंदर आने वाली यह सीट 2008 में परिसीमन के बाद कुल्लू से अलग होकर आस्तित्व में आयी थी। मनाली विधानसभा क्षेत्र की कुल आबादी 84238 है। जिसमे से 64270 लोग मतदान करेंगे।

    कुल्लू में राजा के सामने कांग्रेस

    कुल्लू विधानसभा क्षेत्र में 5 सीटें है जिसमे से कुल्लू विधानसभा की सीट काफी चर्चा में है। कुल्लू के राजा मौजूदा विधायक महेश्वर सिंह के मैदान में होने से यहां के चुनावों में दिलचस्पी बढ़ गयी है। महेश्वर सिंह भाजपा के टिकट पर चुनाव में उतरे है। उनकी पूरी उम्मीद वहां के लोगो की राजपरिवार के प्रति भावनात्मक जुड़ाव से है। सवेरे जनसभा को निकलने वाले महेश्वर सिंह कहते है कि लोगो का उनसे सीधे जुड़ाव और समय की पाबंन्दी दोनों उनकी ताक़त है।

    महेश्वर सिंह ने अपनी राजनीतिक बिसात की बात करते है कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि और वीरभद्र सरकार की नाकामी भी उनके लिए चुनावी मुद्दा है। महेश्वर सिंह की भाजपा में आने को लेकर इसलिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि इन्होने पिछले चुनाव में अपनी पार्टी ‘हिमाचल लोकहित पार्टी’ बनाई थी। महेश्वर सिंह ने चुनाव जीतने के बाद वीरभद्र सिंह की सरकार को समर्थन दिया था। लेकिन महेश्वर सिंह ने पिछले वर्ष वीरभद्र सररकार से हुई खटपट के बाद उन्होंने कांग्रेस से नाता तोड़ दिया था। महेश्वर शर्मा ने फिर अपनी पुरानी पार्टी बीजेपी में विलय कर दिया था।

    भाजपा, महेश्वर सिंह
    भाजपा के कुल्लू विधानसभा क्षेत्र के उम्मीदवार महेश्वर सिंह

    कांग्रेस ने महेश्वर की काट के रूप में कांग्रेस ने दोबारा अपने पुराने चेहरे सुन्दर सिंह ठाकुर को चुनावी दंगल में उतारा है। इस सीट पर पिछले चुनाव की तरह इस बार कांग्रेस में से किसी ने बग़ावत नहीं की है। यह कांग्रेस के लिए एक राहत की सांस होगी और कांग्रेस के उम्मीदवार ठाकुर भी इसे अपने लिए एक ताक़त के रूप में मान रहे है।

    कांग्रेस, सुन्दर सिंह ठाकुर
    कांग्रेस के कुल्लू विधानसभा क्षेत्र के उम्मीदवार सुन्दर सिंह ठाकुर

    मनाली में नेता के बेटे के खिलाफ साधारण कार्यकर्त्ता

    मनाली में विधानसभा के लिए भाजपा ने मौजूद विधायक गोविन्द ठाकुर को टिकट दिया है। 49 वर्षीय गोविन्द ठाकुर पूर्वमंत्री कुंजलाल ठाकुर के बेटे है। आरएसएस के जुड़ाव के चलते गोविन्द ठाकुर ने भाजपा युवा मोर्चा में अपनी सक्रिय भूमिका निभा चुके है। गोविन्द ठाकुर ने 2012 में मनाली से चुनाव जीता था।

    भाजपा, मनाली, गोविन्द ठाकुर
    भाजपा के मनाली विधानसभा क्षेत्र के उम्मीदवार गोविन्द ठाकुर

    भाजपा के खिलाफ कांग्रेस ने अपना इक्का उतारा है। कांग्रेस ने भाजपा के खिलाफ हरिचंद शर्मा को उतारा है। हरिचंद शर्मा पांच साल तक कुल्लू जिला परिषद के सदस्य रहे है। वर्तमान में हरिचंद शर्मा राजीव गाँधी पंचायती राज संगठन के प्रदेश संयोजक रहे है। हरिचंद के नेतृत्व में कुल्लू जिले ने लगातार चार बार राजीव गाँधी पंचायती राज सशक्तिकरण का पुरूस्कार जीता है।

    कांग्रेस, मनाली, हरिचंद शर्मा
    कांग्रेस के मनाली विधानसभा क्षेत्र के उम्मीदवार हरिचंद शर्मा

    हरिचंद ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1985 से की थी। हरिचंद 1986 से 1995 तक सर्किल कांग्रेस कमेटी के प्रधान रहे है। हरिचंद 1998 से 2000 तक जिला युवा कांग्रेस कुल्लू के अध्यक्ष रहे है। 2011 में उन्हें जिला परिषद अध्यक्ष का पद दिया गया था, जिसमे वह पांच साल तक के लिए काबिज़ रहे थे। कांग्रेस ने उनकी लोगो के बीच लोकप्रियता देखते हुए उन्हें विधानसभा का टिकट दिया है।

    मनाली का जातीय समीकरण

    मनाली 2008 के बाद परिसीमन के बाद उभरा विधानसभा क्षेत्र है। मनाली विधानसभा क्षेत्र राजनीतिक पृष्टभूमि के हिसाब से राजपूत बाहुल्य क्षेत्र है। 2012 में हुए विधानसभा चुनावों में कुल्लू के विधायक गोविन्द ठाकुर ने बीजेपी के टिकट से चुनाव लड़ा था और जीत हांसिल की थी। 2017 के विधानसभा चुनाव में भी गोविन्द सिंह ठाकुर को भाजपा ने फिर से टिकट दिया है। गोविन्द सिंह ठाकुर ने 2007 में पहला चुनाव कुल्लू विधानसभा चुनाव के लिए लड़ा था। अब देखना यह होगा कि मनाली के चुनावो में कांग्रेस के हरिचंद शर्मा जातीय समीकरणो को भेदने में कितने सक्षम हो पाते है।

    कुल्लू में रोजगार का मुद्दा

    कुल्लू विधानसभा क्षेत्र की सबसे बड़ी समस्या वहां के पर्यटन का विकास ना हो पाना है। वहां के लोगो की शिकायत है कि उनका सब डिविज़नल मनाली विश्व के पर्यटन मानचित्र पर है। मगर उनके यहां पर्यटन को बढ़ने को लेकर कोई पहल नहीं की गई है। इसकी वजह से वहां के लोगों के पास रोजगार नहीं है ना ही यहां कोई बड़ा संसथान या कोई बड़ी यूनिवर्सिटी है। कुल्लू के वोटर भी उनके कामकाजो को लेकर हो रही लापरवाही पर और उनकी उम्मीदों की अनदेखी के साथ विधायकों को पांच साल की कसौटी पर कास रहे है।

    मनाली में रोहतांग का मुद्दा

    मनाली विधानसभ क्षेत्र में रोहतांग एक बड़ा मुद्दा है। रोहतांग पास के लिए रोजाना 1200 गाड़ियों की परमिट की एनजीटी के कैंप है। इसी वजह से मनाली के पर्यटन पर काफी प्रतिकूल असर पड़ा है। क्योंकि कैंपिंग की संख्या सीमित होने के कारण सीमित संख्या में ही लोग कैंपिंग के लिए जाते है और जल्द ही कई पर्यटक वापस लौट जाते है। इससे क्षेत्र के पर्यटन, बाजार और होटल कारोबार पर बुरा असर हुआ है। मनाली के विधयकों की लड़ाई में देखना होगा कि लोग अपने विकास के लिए किस नेता और पार्टी को चुनते है।