अभिनेता कमल हसन का विवादों से पुराना नाता रहा है। अपने विवादित बयानों की वजह से वो अक्सर मुश्किलें मोड़ लेते है, लेकिन इस बार उनका बयान उन्हें मुसीबत में डाल सकता है। क्यूंकि दक्षिण अभिनेता कमल हसन के खिलाफ आईपीसी के धारा 500, 511, 298, 295(ए) और 505 (सी) के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है।
उनपर ये मामला तमिल साप्ताहिक मैगज़ीन आनंद विक्टन ने ‘हिन्दू आतंकवाद’ की टिप्पणी वाले बयान के कारण लगाया है। यह मुकदमा वाराणसी की एक अदालत में दर्ज किया गया है, तथा इस मामले की सुनवाई एसीजेएम ने 4 नवम्बर को करने का निर्णय लिया है।
गौरतलब है कि याचिकाकर्ता ने तमाम मीडिया रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए एसीजेएम से मुकदमा चलाने की गुहार यह कहकर लगाई थी, कि कमल के इस बयान से लाखो हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंची है।
अपने एक विवादित बयान में कमल हसन ने हिन्दू आतंकवाद का जिक्र करते हुए कहा था कि दक्षिणपंथी समूहों ने हिंसा का रास्ता इसलिए चुना क्यूंकि उनकी रणनीति ने काम करना बंद कर दिया था। कमल यहीं नहीं रुके बल्कि उन्होंने तो यहां तक कह दिया कि ‘पूर्व में हिंदू दक्षिण पंथी, दूसरे धर्म के लोगों के खिलाफ हिंसा में शामिल हुये बगैर, उनको अपनी दलीलों और जवाबी दलीलों से हिंसा के लिये मजबूर करते थे।
उन्होंने अपने बयानों में यह भी कह दिया कि चरमपंथी किसी भी रूप में विकास का मानक नहीं हो सकता, जो खुद को हिन्दू कहते हैं। इन सभी बयानों के बाद कमल चारो तरफ से आलचनाओ से घिर गए है। बीजेपी के जानेमाने नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने पलटवार करते हुए कहा कि वो निष्पक्ष व्यक्ति नहीं है। अगर वो निष्पक्ष होते तो एनआईए में शिकायत करते। स्वामी ने अपने ही अंदाज में कमल को डरपोक बताते हुए कहा कि जयललिता वाले मामले में भी जब उनपर केस दर्ज हुआ था तब भी वो दुम दबा कर अपने बिल में छिप गए थे ।