Thu. Dec 19th, 2024
    हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत जगत को तगड़ा झटका, उस्ताद राशिद खान का 55 वर्ष की आयु में निधन

    हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत जगत को आज उस समय भारी आघात लगा, जब प्रख्यात गायक उस्ताद राशिद खान का 55 वर्ष की आयु में कोलकाता के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। वे पिछले कुछ समय से प्रोस्टेट कैंसर से जूझ रहे थे और उनका इलाज चल रहा था। उनके असामयिक निधन से कला जगत ही नहीं, पूरा देश शोक में डूब गया है।

    उस्ताद राशिद खान रामपुर-सहसवान घराने के प्रतिष्ठित गायक थे। उनकी विरासत शेर-ए-पंजाब उस्ताद अमीर खान से होकर आती थी। बचपन से ही संगीत उनके रगों में बस गया था। मात्र 11 वर्ष की आयु में उन्होंने पहला सार्वजनिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया था। इसके बाद तो उन्होंने दुनिया भर में अपने गायन से समां बांध दिया।

    उस्ताद राशिद खान की गायकी अपनी बेजोड़ रियाज़त और मधुर आवाज़ के लिए मशहूर थी। उन्होंने खयाल, तराना, ठुमरी, भजन आदि विधाओं में महारत हासिल की थी। उनकी गायकी में खान साहब की विनम्रता और आध्यात्मिकता झलकती थी। वे शास्त्रीय संगीत को सरलता से आम लोगों तक पहुंचाने में विश्वास रखते थे।

    उस्ताद राशिद खान को उनके योगदान के लिए कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था। इनमें पद्म श्री, पद्म भूषण, संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार आदि शामिल हैं। उनके शिष्यों में राहत फातह अली खान, पद्मजा थत्ते आदि जैसे मशहूर कलाकार शामिल हैं।

    पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, “मैंने उनके निधन के बारे में सुना। यह पूरे देश और पूरे संगीत जगत के लिए बहुत बड़ी क्षति है। मैं बहुत दर्द में हूं क्योंकि मुझे अभी भी विश्वास नहीं हो रहा है कि राशिद खान नहीं रहे।” अस्पताल में अपने परिवार के सदस्यों के साथ खड़े होकर कहा।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि 10 जनवरी को उनका अंतिम संस्कार करने से पहले खान को बंदूक की सलामी और राजकीय सम्मान दिया जाएगा।

    उन्होंने कहा, “उनका पार्थिव शरीर आज शवगृह में रखा जाएगा। इसे बुधवार को रवीन्द्र सदन ले जाया जाएगा, जहां उनके प्रशंसक उन्हें अंतिम विदाई दे सकेंगे।”

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *