देश के उप राष्ट्रपति एम् वेंकय्या नायडू ने शुक्रवार को कहा, हिंदी राष्ट्र के सामाजिक, राजनितिकऔर भाषिक एकता का प्रतिक हैं। उपराष्ट्रपति जी ने प्रांतीय भाषाओँ के साहित्य को हिंदी में भाषांतरित किए जानेपर भी जोर दिया।
हिंदी दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उप राष्ट्रपति जी ने कहा, “देश के स्वतंत्रता सेनानीओं के बीच हिंदी, संवाद के लिए इस्तेमाल की जाती थी। और इस भाषा(हिंदी) का इस्तेमाल देश के अधिकतर लोग आपस में बात करने के लिए करते हैं और करते थे।”
“हिंदी देश के सामजिक, राजनितिक, धार्मिक और भाषिक एकता का प्रतिक थी। और आज भी यह हिंदी के गुण उसे सभी भाषाओँ के बीच अलग बनाते हैं।” उप राष्ट्रपति ने कहा, की देश की सभी भाषाएँ विविध और समृद्ध हैं। उनके अपने साहित्य और शब्दकोष हैं।
“प्रांतीय भाषाओँ के साहित्य को हिंदी में भाषांतरित किए जाने की जरुरत हैं, क्योकि इससे सभी भारतीय भाषाओँ के साहित्य का आनंद सभी ले सकेंगे। यह चर्चा का विषय नहीं हैं की, हिंदी अन्य भाषाओँ से श्रेष्ठ हैं की नहीं?। संस्कृत सभी भारतीय भाषाओँ की जननी हैं और ऐसी कई भाषाएँ हैं जो अपने आप में अलग और विविधतापूर्ण हैं।”
उप राष्ट्रपति जी ने आगे कहा, “देश की आबादी का एक बड़ा हिस्सा अपने रोजमर्रा के जीवन में हिंदी का इस्तेमाल करता हैं। केंद्र सरकार की नीतियों को लागू करने में भाषा के महत्वपूर्ण योगदान होता हैं। सरकार की योजनाओं का लाभ देश के जरूरतमंद लोगों को लाभ तब मिलेगा, जब सरकार जनता की भाषा में योजनाएं उन तक पहुंचाए।”
“अगर हम चाहते हिं की हमारा यह जनतंत्र ऐसे ही चलता रहे और मजबूत बनें। तो हमें संघ की भाषा के रूप में हिंदी का इस्तेमाल करना होगा और राज्य स्तर पर प्रादेशिक भाषाओँ का इस्तेमाल करना होगा। आज हिंदी की जो स्थिति हैं उसमें, देश के हर राज्य का योगदान हैं।”
केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने हिंदी दिवस के मौके पर सभी हिंदी भाषिकों और भाषाप्रेमिओं को हिंदी दिवस की बधाई दी। उन्होंने कहा, “ भाषा देश के सांस्कृतिक धरोहर होती हैं और देश की पहचान होती हैं। हिंदी दिवस के मौके पर (आएयें) हम निर्धार करें की हम हिंदी समेत सभी भारतीय भाषाओँ का प्रचार करें।”