पाटीदार नेता हार्दिक पटेल की हाल ही में लीक हुई सेक्स सीडी के पीछे गुजरात के मुख्यमंत्री और अन्य भाजपाई नेताओं का हाथ बताया जा रहा है।
पाटीदार अनमत आंदोलन समिति ने गुरुवार को आरोप लगाया कि हार्दिक पटेल की सीडी के पीछे गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी और गुजरात बीजेपी के अध्यक्ष का हाथ है।
समिति के प्रवक्ता दिनेश बम्भनिया ने बताया, ‘हमें पता चला है कि सूरत के रहने वाले एक व्यापारी, जो भाजपा का समर्थक है, का हाथ इसके पीछे है। उन्होंने यह गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी और बीजेपी के गुजरात अध्यक्ष जीतू वाघानी की मदद से किया है। इसके पीछे उनका मकसद हार्दिक पटेल की छवि बिगाड़ना था।’
हालाँकि बीजेपी ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। बीजेपी की और से कहा गया है कि इसके पीछे हार्दिक के करीबी कोई व्यक्ति हो सकता है।
इसके बावजूद पाटीदार लगातार बीजेपी को इसका जिम्मेदार बता रहे हैं। इससे पहले खुद हार्दिक पटेल ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा था कि बीजेपी ने इस लड़ाई को निजी बना दिया है। उन्होंने कहा था कि उनके पास भी बीजेपी नेताओं से सम्बंधित ऐसी ही सीडियां हैं, जिन्हे वे जल्द जनता के सामने रखेंगे। ( पूरी खबर : सीडी विवाद पर पटेल ने बीजेपी और मोदी पर साधा निशाना )
हार्दिक के करीबी दिनेश बम्भनिया ने आगे कहा कि गुजरात में हार्दिक पटेल की लोकप्रियता बढ़ने से बीजेपी को खतरा है। ऐसे में बीजेपी चाहती है कि चुनाव से पहले किसी तरह हार्दिक की छवि को बिगाड़ा जाए।
उन्होंने बताया, ‘सूत्रों से पता चला है कि अभी उनके पास ऐसी ही 52 सीडी और हैं। इनमे से करीबन 22 हार्दिक की हैं, और बाकी अन्य पाटीदार नेताओं की है।’
दिनेश बम्भनिया ने कहा कि जल्द ही वे इस मामले में सबूत इकठ्ठा कर इसमें बीजेपी का हाथ होने को साबित कर देंगे।
गुजरात के उप-मुख्यमंत्री नितिन पटेल ने बीजेपी का बचाव करते हुए पाटीदार समाज को ही इसका जिम्मेदार बता दिया है।
उन्होंने कहा, ‘जब उन्हें बता है कि 52 सीडियां और हैं, इसका मतलब उन्होंने ही इन्हे बनाया है। यह पाटीदार समिति की आंतरिक योजना है। इसमें बीजेपी का कोई हाथ नहीं है। आरोप लगाने की बजाय इन्हे आरोपों को साबित करना चाहिए।’
मुख्यमंत्री रुपाणी का बचाव करते हुए नितिन ने कहा, ‘मुख्यमंत्री और हमारी पार्टी अध्यक्ष पर लगाए गए सभी आरोप व्यर्थ हैं। ऐसा हो सकता है कि आंतरिक कलह की वजह से किसी ने इन सीडियों को लीक किया हो। बीजेपी का इसमें कोई हाथ नहीं है।’