सरकार ने अधिकारिक बयान में बताया कि राष्ट्रीय जांच संस्था की सूचना के अनुसार पाकिस्तानी सरजमी पर अड्डा बनाये आतंकवादी हाफीज सईद की फलाह-ए-इंसानियत संस्थान की मदद से चल रहा दिल्ली में एक आतंकी गुट सक्रिय है।
बयान में बताया गया कि एनआइए ने मंगलवार को दरियागंज, निज्ज़मुद्दीन और कूचा घासीराम के कई इलाकों में तफ्तीश की। दर्ज प्राथमिकी के मुताबिक आतंकी फंड इसी वर्ष जुलाई से दिए का रिकॉर्ड एजेंसी के पास मौजूद है।
दिल्ली में रह रहे कुछ लोग विदेश के एफ़आईएफ़ से फंड लेकर आतंकी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं। जांच के मुताबिक नई दिल्ली के निज्ज़मुद्दीन का रहने वाला मोहम्मद सलमान दुबई स्थित पाकिस्तानी राष्ट्र से लगातार संपर्क में रहा है। जो बाद में फलाह-ए-इंसानियत संस्थान के उपप्रमुख के संपर्क में आ गया।
फलाह-ए-इंसानियत संस्थान लश्कर-ए-तैयबा का आतंकी संगठन है। आरोपी एफ़आईएफ़ के संचालकों और उसके गुर्गों के हवाला के जरिये भेजे गया फंड लगातार लेता रहा। दोषी पाकिस्तान और संयुक्त अरब अमीरात जैसे देशों से भारत में हवाला के जरिये भेजे गये पैसे का इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों और भारत में अशांति फैलाने के लिए करता था।
एनआईए ने 25 सितम्बर को निज्ज़मुद्दीन के सलमान, दरियागंज का रहने वाला मोहम्मद सलीम और कूचा घासीराम के राजाराम के घरों में छापा मारा। इन आरोपियों के घरों में एनआईए ने 1.56 करोड़ नकदी, 43000 नेपाली मुद्रा, 14 मोबाइल, पांच पेनड्राइव और कुछ दस्तावेज बरामद किये।
एनआईए ने इन सभी अपराधिक सबूतों को जब्त कर लिया है। साथ ही एफआईएफ के संचालक मोहम्मद सलमान, हवाला संचालक मोहम्मद सलीम और जम्मू-कश्मीर के निवासी सज्जाद अब्दुल वानी को गिरफ्तार कर लिया है।
फलाह-ए-इंसानियत संस्थान जमात-उद-दावा का स्थापित किया लाहौर का संगठन है। इसको हफीज मोहम्मद सईद ने साल 1990 में स्थापित किया था। जिसे अमेरिका ने वैश्विक आतंकवादी घोषित किया है। एफ़आईएफ़ भारत की आतंकी संगठनों की सूची में है। साथ ही अमेरिका ने साल 2010 में इसे आतंकी गतिविधियों में संलिप्त पाया था।