पाकिस्तान ने आशंका जताई थी कि अगर आंतकी हाफिज सईद को रिहा किया जाता है तो उसे अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों व दबावों का सामना करना पड़ सकता है। अब कोर्ट ने हाफिज सईद को रिहा करने का फैसला किया है। जिसके बाद पाकिस्तान पर भी हाफिज की रिहाई की कड़ी निंदा की जा रही है।
इसी क्रम में अमेरिकी विशेषज्ञों ने जमात-उद-दावा प्रमुख हाफिज सईद की रिहाई की निंदा करते हुए कहा कि पाकिस्तान का प्रमुख गैर-नाटो सहयोगी का दर्जा रद्द कर दिया जाना चाहिए।
यानि की अमेरिका की सेना व सशस्त्र बलों का अब पाकिस्तान के साथ कोई सहयोग नहीं रहेगा। पाकिस्तान को गैर-नाटो सहयोगी के पद से बाहर निकालने की मांग की जा रही है।
उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) में पाकिस्तान एक गैर-सहयोगी का दर्जा प्राप्त सदस्य है। जो अमेरिका की सेना के साथ रणनीतिक कामकाजी संबंधों को सहयोग प्रदान करता है।
अमेरिकी विशेषज्ञों ने जताई नाराजगी
शीर्ष अमेरिकी आतंकवाद काउंटर और दक्षिण एशियाई विशेषज्ञों ने 26/11 के मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के रिहाई पर नाराजगी जताते हुए पाकिस्तान को आडे़ हाथों लिया है।
पूर्व विदेश विभाग के अधिकारी और वर्तमान में काउंसिल ऑन विदेश संबंध के एलिसा आयरेस ने एक शब्द में कहा कि लाहौर हाईकोर्ट द्वारा हाफिज सईद की रिहाई एक अत्याचार है। अब लंबे समय बाद वापिस से हाफिज सईद को हजारों लोगों की रैलियों को संबोधित करते हुए देखा जाएगा।
खूंखार आंतकी हाफिज सईद संयुक्त राष्ट्र स्वीकृत व्यक्तिगत आतंकवादी है । पाकिस्तान को आतंकवाद से लड़ने का श्रेय नहीं दिया जा सकता है।
अमेरिकी विशेषज्ञ हाफिज की रिहाई को गलत ठहरा रहे है। खुद अमेरिका ने हाफिज सईद के संगठन को आतंकवादी संगठन की सूची में शामिल कर रखा है और इस पर करोड़ो का इनाम घोषित कर रखा है।
एक अमेरिकी राज्य विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि अमेरिका अपने रुख को दोहराता है कि लशकर-ए-तैयबा एक नामित विदेशी आतंकवादी संगठन है जो आतंकवादी हमले में सैकड़ों निर्दोष नागरिकों की मौत के लिए उत्तरदायी है, जिसमें कई अमेरिकी नागरिक शामिल हैं।
गौरतलब है कि कुछ समय पहले ही अमेरिका ने पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ लड़ने के लिए आर्थिक मदद देने का ऐलान भी किया था। लेकिन पाकिस्तान द्वारा हाफिज सईद को रिहाई होना उसकी मंशा पर सवाल उठाता है।