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    जमात-उद-दावा प्रमुख

    ताजा जानकारी के अनुसार मशहूर आतंकी हाफिज सईद को कल नजरबंदी से रिहा किया जाएगा। अदालत ने अभी यह फैसला सुनाया है। इससे पहले पंजाब सरकार ने हाफिज सईद को कुछ दिन और नजरबन्द रखने को कहा था।

    हाफिज सईद की इस रिहाई से पाकिस्तान के मुश्किल में पड़ने के पुरे-पुरे आसार हैं। हाफीज सईद के खिलाफ भारत ने अनेक सबूत साबित किये हैं। जाहिर है मुंबई में 2008 में हुआ आतंकी हमला हाफिज के इशारों पर ही हुआ था। इसके अलावा सईद की रिहाई से वैश्विक तौर पर भी पाकिस्तान दबाव में आ सकता है।

    इससे पहले खबर थी कि पाकिस्तानी आतंकवादी हाफिज सईद को अदालत जल्द ही रिहा कर सकती है। अदालत ने कहा था कि यदि सरकार हाफिज सईद को कैद करने का कोई पुख्ता सबूत नहीं दे पाती है, तो उसे मजबूरन रिहा करना पड़ेगा।

    गौरतलब है कि हाफिज सईद और उसके चार सहयोगियों अब्दुल्लाह उबैद,  मलिक जफर इकबाल, अब्दुल रहमान आबिद और काजी काशीफ हुसैन को आतंकवादी विरोधी कानून 1997 के तहत एवं आतंकवादी विरोधी कानून 1997 की चौथी अनुसूची के तहत पाक की पंजाब सरकार ने 90 दिनों तक नजरबंद रखा था। पिछले महीने पाकिस्तान की न्यायिक समीक्षा बोर्ड ने हाफिज सईद की नजरबंदी को 30 दिन तक बढ़ा दिया था।

    पाकिस्तान सरकार ने पिछले महीने सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष जमात-उद-दावा प्रमुख हाफिज सईद के नजरबंदी पत्र को वापस ले लिया था। लेकिन बाद में न्यायिक निकाय को यह बताया गया कि अगर हाफिज सईद रिहा होता है तो पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है।

    कोर्ट ने भी कहा था कि अगर पाकिस्तान सरकार ने हाफिज सईद की नजरबंदी से संबंधित सबूत नहीं दिए हैं तो उसे रिहा किया जाएगा।

    कोर्ट ने सरकार के आचरण की निंदा करते हुए कहा था कि सरकार के पास हाफिज सईद को नजरबंद किए जाने के कोई ठोस सबूत उपलब्ध नहीं है। अगर इस केस में ठोस सबूत पेश नहीं किए गए तो याचिकाकर्ताओं को गिरफ्तार किया जाएगा।

    हाफिज को रिहा करना पाकिस्तान को पड़ सकता है महंगा

    हाल ही में पाकिस्तान सरकार ने न्यायिक निकाय को बताया है कि अगर हाफिज सईद को नजरबंद से हटाया जाता है तो इसका नुकसान पाकिस्तान को उठाना पड़ सकता है।

    हाफिज सईद की नजरबंदी हटाने के परिणामस्वरूप पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है। पंजाब गृह विभाग के एक अधिकारी ने समीक्षा बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत किया कि सईद की रिहाई के कारण पाकिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध लागू हो सकते है।

    इसमें बोर्ड से अनुरोध किया गया कि हाफिज सईद की नजरबंदी को आगे बढ़ाया जाए। साथ ही कहा कि सईद को रिहाई का आदेश नहीं दिया जाए। पंजाब सरकार ने न्यायिक समीक्षा बोर्ड से हाफिज की नजरबंदी को तीन महीने तक बढ़ाने की इजाजत मांगी।

    अमेरिका हाफिज के संगठन पर लगा चुका है प्रतिबंध

    गौरतलब है कि जून 2014 में अमेरिका ने हाफिज सईद के संगठन जमात-उद-दावा को विदेशी आतंकवादी संगठन घोषित किया था। हाफिज इस संगठन का प्रमुख है।

    इसके अलावा अमेरिका ने आतंकी गतिविधियों में सक्रिय होने के कारण हाफिज सईद के ऊपर 10 मिलियन डॉलर ( करीब 65 करोड़ रूपये) का इनाम भी घोषित किया हुआ है।

    इसके अलावा भारत के मुबंई में हुए आंतकवादी हमले का मास्टरमाइंड भी हाफिज सईद ही है। भारत के दबाव में आकर अमेरिका ने भी इसके संगठन पर प्रतिबंध लगाया है।