पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने गुरूवार को भारत से आग्रह किया दोनों राष्ट्रों के मध्य शांति वार्ता का बहाल करें, हमें अतीत में नहीं जीना चाहिए। इमरान खान ने कहा कि एक तरफ़ा प्रयास ज्यादा दिनों तक नहीं चलता है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान साल 2019 तक के चुनाव का इंतजार करेगा, भारत को जवाब देना चाहिए।
26/11 मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हफीज सईद का पाकिस्तान में आज़ाद घूमने के बाबत सवाल पर इमरान खान ने कहा कि हफीज सईद पर यूएन के 1267 सेक्शन के तहत प्रतिबन्ध लगे हैं। उन्होंने कहा कि यह एक न्याय्धीन मामला है लेकिन यह मुझे विरासत में मिला है। उन्होंने कहा कि हमारी सरजमीं का इस्तेमाल आतंक के लिए नहीं होगा यह हमारी जिम्मेदारी है।
भारत के मोस्ट वांटेड आतंकवादी दाऊद इब्राहीम के प्रशन पर इमरान खान ने कहा कि अतीत में कई चीजे अटक गयी है, हमें अतीत में नहीं जीना चाहिए लेकिन अतीत से सबक जरुर लेना चाहिए। करतारपुर साहिब के शिलान्यास समारोह में इमरान खान ने कहा था कि भारत और पाकिस्तान के मध्य कश्मीर ही एक विवाद का मसला है। उन्होंने कहा कि बातचीत करते हैं, मैं किसी भी मसले पर बातचीत के लिए तैयार हूँ। उन्होंने कहा कि कश्मीर सा समाधान सेना से नहीं निकला जा सकता है।
इमरान खान ने कहा कि गलतियाँ दोनों तरफ से हुई है, लेकिन हमें अतीत में नहीं जीना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर हम अतीत के साथ अन्हीं नाता नहीं तोड़ेंगे तो हम इसी स्थिति में बुरी तरह फंसे रहेंगे। इस समारोह में केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल, हरदीप सिंह पूरी और पंजाब के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू उपस्थित थे। हालांकि किसी भी भारतीय नेता ने इस समारोह में आतंकवाद के खिलाफ एक शब्द नहीं कहा था।
इमरान खान ने कहा कि दोनों देश परमाणु हथियार से लैस हैं, ऐसे देशों के मध्य के बाबत सोचना एक बेवकूफी होगी। उन्होंने कहा कि कोई बेवकूफ ही सोच सकता है कि इस परमाणु जंग में किसी एक की जीत हो सकती है। भारत के विदेश मंत्रालय ने इमरान खान के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि पाकिस्तानी पीएम ने इस पवित्र समारोह को राजनीति का अखाडा बना दिया था।