पाकिस्तान ने बुधवार को मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद को गिरफ्तार कर लिया था। भारत की वित्तीय राजधानी पर आतंकी हमले को अंजाम देने के लिए नई दिल्ली और वांशिगटन आंबे समय से सरगना के दोषी ठहराने की मांग कर रहे हैं।
सईद की पाकिस्तान में गिरफ्तारी
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इस गिरफ्तारी का स्वागत किया था। ट्वीट में उन्होंने लिखा कि “10 वर्षों की जांच के बाद मुंबई आतंकी हमलो के कथित मास्टरमाइंड को पाकिस्तान में गिरफ्तार कर लिया गया है। उसे ढूँढने के लिए बीते दो वर्षों में अत्यधिक दबाव बनाकर रखना पड़ा था।”
अमेरिकी राज्य विभाग ने भी सईद की गिरफ्तारी का स्वागत किया था और कहा कि “लश्कर ए तैयबा के सरगना हाफिज सईद की गिरफ्तारी एक सकारात्मक कदम है। कैआतंकी हमले में उनके शामिल होने की पूरी और गहराई से जांच होनी चाहिए। मसलन मुंबई हमलो को जिसमे 166 लोगो की हत्या हुई थी और इसमें छह अमेरिकी नागरिक भी शामिल थी। इस आतंकी हमले के पीड़ितो के साथ न्याय होना ही चाहिए।”
आलोचकों के मुताबिक, पाकिस्तानी विभागों को सईद के ठिकानो के बारे में सालो से मालूम था। इमरान खान की वांशिगटन की यात्रा से पूर्व वह इसे एक बड़े दिखावे के तौर पर देखते हैं। उन्होंने कहा कि “स्पष्ट है कि इतना किया गया है कि इमरान खान के चेहरे पर वांशिगटन यात्रा में मुस्कराहट बनी रहे।”
एक सेवानिवृत्त अमेरिका सैन्य अधिकारी लॉरेंस सेल्लिन ने कहा कि “मेरे ख्याल से यह गिरफ्तारी एक दिखावा है क्योंकि इसका कोई ऐतिहासिक आधार नहीं है। मेरे यकीन की ताराग वांशिगटन को भी इस पर यकीन है लेकिन अन्य मामलो मसलन, अफगान शान्ति प्रक्रिया में पाकिस्तान की भूमिका उच्च प्राथमिकता है। मेरे विचार में यह एक गलती है।”
अमेरिका का यू टर्न
ट्रम्प की दक्षिण ऐसा पालिसी का खुलासा दो साल पहले पहले किया गया था जिसमे पाकिस्तान के लिए सख्त रवैया रखा थे लेकिन इमरान खान की 21 से 23 जुलाई की वांशिगटन यात्रा के पूर्व इस नीति के कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं से यू टर्न लिया गया है। तब्दील नीति में ट्रम्प प्रशासन ने पाकिस्तान की सकारात्मकता का स्वागत किया है। हाफिज सईद की गिरफ्तारी, अफगान शांति प्रक्रिया पर चार देशों का संयुक्त बयान, बलोच लिब्रेशन आर्मी को आतंकी संघठन करार देना और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष का छह अरब डॉलर के पैकेज को मंज़ूरी देना।
पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय वित्तीय प्रतिबंधों का खतरा महसूस कर रहा है और अगले कुछ वर्षों में खुद ब्लैकलिस्ट होने से बचाने के लिए इस्लामाबाद को कार्रवाई करने की जरुरत है। पुलित्ज़र पुरूस्कार जीत चुके पत्रकार और पूर्व न्यूयोर्क टाइम्स के पत्रकार पीर जुबैर शाह ने कहा कि “पाकिस्तान भयावह आर्थिक संकट से जूझ रहा है। हाफिज सईद की गिरफ्तारी की खबर अमेरिका को यह जताने के लिए हैं कि वह अब आतंकवाद का निपटान करने के ल्किये गंभीर है और वह अमेरिका की सुनने के इच्छुक है और फाइनेंसियल एक्शन टास्क फाॅर्स की मांग पर कार्य करेंगे।”
पूर्व अफगान राष्ट्रपति के विदेश मामलो के सलाहकार ताज अयूबी ने कहा कि “पाकिस्तान आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है और इस दौरान वह अमेरिका से सहायता की उम्मीद रखता है, शायद विष बैंक या अन्य वित्तीय। नों से। खान सरकार के लिए यह यात्रा अमेरिका से उनकी अर्थव्यवस्था को धक्का लगाने की एक किरण है।”
एक अधिकारी ने बताया कि “यह कोई पहली बार नहीं है जब हाफिज सईद गिरफ्तार या हिरासत में लिया गया हो। यह साल 2001 से आठ बार नाटक हो चुका है। इस दफा यह एक दिखावे से काफी ज्यादा है। हम पाकिस्तान को गंभीरता से आतंकिवादियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए देखना चाहते हैं।”