लाहौर के एक आतंक-रोधी कोर्ट ने बुधवार को 26/11 मुंबई हमले के मास्टरमांइड हाफिज सईद के खिलाफ आरोप तय कर दिए। 2008 में हुए मुंबई हमले में 160 से ज्यादा लोग मारे गए थे। डॉन की रपट के अनुसार, जमात उद दावा(जेयूडी) के प्रमुख सईद व उनके संगठन के अन्य नेताओं के खिलाफ आरोप तय किया गया है। इन लोगों के खिलाफ जुलाई में आतंक वित्तपोषण के संबंध में मामला दर्ज किया गया था।
शनिवार को, कोर्ट ने मामले में एक संदिग्ध के मौजूद नहीं रहने की वजह से फैसला टाल दिया था।
3 जुलाई को, जेयूडी के 13 नेताओं को आतंकवाद-रोधी अधिनियम(एटीए),1997 के तहत आतंक वित्तपोषण और धनशोधन से जुड़े दो दर्जन के करीब मामलों में केस दर्ज किया गया था।
पंजाब के पांच शहरों में मामलों को दर्ज करने वाले आतंकवाद निरोधक विभाग(सीटीडी) ने कहा था कि जेयूडी अल-अनफाल ट्रस्ट, दवातुल इरशाद ट्रस्ट, मुआज बिन जबाल ट्रस्ट समेत अन्य गैर-लाभकारी संगठनों से बड़े पैमाने पर राशि लेकर आतंक वित्तपोषण का काम करता था।
इन गैर लाभकारी संगठनों पर सीटीडी ने अप्रैल में प्रतिबंध लगा दिया था। सीटीडी ने अपनी विस्तृत जांच में पाया था कि इन संगठनों का जेयूडी और इसके शीर्ष नेतृत्व के साथ संबंध था।
इसके बाद, 17 जुलाई को सईद को पंजाब सीटीडी द्वारा आतंकी वित्तपोषण के आरोपों में गुजरानवाला से गिरफ्तार किया था। सीटीडी द्वारा गुजरानवाला एटीसी के समक्ष पेश करने के बाद, सईद को न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया था।
अप्रैल 2012 में अमेरिका ने वर्ष 2008 में हुए मुंबई हमले को लेकर सईद पर एक करोड़ डॉलर इनाम की घोषणा की थी। मुंबई हमले में 164 लोगों की जान चली गई थी।