भारत के प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने रविवार को ह्यूस्टन में 50 हज़ार भारतीय मुल्क के अमेरिकी नागरिको को संबोधित किया था। दोनों नेताओं ने कई मामलो पर एकसमान भावनाओं को उजागर किया था इसमें आतंकवाद, व्यापार और रक्षा शामिल है।
मोदी-ट्रम्प की दोस्ती
इस समारोह में दोनों नेताओं के बीच दोस्ती का खुबसूरत रिश्ता दिखा था जब दोनों ने हाथ पकड़े और एनआरजी स्टेडियम का चक्कर लगाया था। इस समारोह के दौरान मोदी ने साल 2020 में राष्ट्रपति चुनाव के लिए ट्रम्प का समर्थन भी किया है और “अबकी बार, ट्रम्प सरकार” का नारा भी दिया था।
राष्ट्रपति ट्रम्प ने संबोधन के लिए एक अरसे बाद अधिकारिक पोडियम का इस्तेमाल नहीं किया था इसकी बजाये भारत-अमेरिका के ध्वज वाले पोडियम से सम्बोधित किया था। भारत के साथ अमेरिका के नई ऊर्जावान दोस्ती को उजागर करता है। ट्रम्प ने अमेरिका में भारतीय समुदाय के योगदान का स्वागत किया था।
आतंकवाद को संबोधित करते हुए ट्रम्प ने सख्ती से हिंसा के कृत्यों की निंदा की थी और और कट्टरपंथी इस्लामिक आतंकवाद का खात्मा करने के लिए कदम उठाने की मांग की है जो निर्दोष नागरिको की जिन्दगिया छीनता है। डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि “भारत और अमेरिका कट्टर इस्लामिक आतंकवाद से मासूमो की जिंदगियो को बचाने के लिए प्रतिबद्ध है। अपने समुदाय की रक्षा के लिए हमें अमेरिका की सीमा सुरक्षा को मज़बूत करना होगा।”
प्रधानमन्त्री मोदी ने आतंकवाद पर कार्रवाई की मांग है और बगैर नाम लिए पाकिस्तान की आतंकवाद को पनाह देने और विश्व में फैलाने के लिए निंदा की है। उन्होंने कहा कि ” अमेरिका में 9/11 हो यह मुंबई में 26/11, इसके साजिशकर्ता कहाँ है। आतंकवाद और इसको प्रोत्साहित करने वालो के खिलाफ निर्णायक जंग का वक्त आ गया है।”
जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी करने पर नरेंद्र मोदी ने कहा कि “भारत द्वारा किया गया कार्य कुछ लोगो को खटक रहा है जो अपने देश को नहीं संभाल पा रहे हैं। वे शान्ति नहीं चाहते हैं।” ट्रम्प ने अपने भाषण में कश्मीर का जिक्र नहीं किया था।
कश्मीर मामले का पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीयकरण करने की भरसक कोशिश कर रहा है और भारत के पीएम ने पाक को सख्त चेतावनी दी है। पाक पीएम इमरान खान यूएन के 74 वें सत्र में अपने एकमात्र एजेंडा कश्मीर के सन्दर्भ में शामिल होंगे।