हांगकांग में सोमवार को सुबह सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हिंसक झड़प हुई थी। ब्रिटेन ने शहर को चीन के सुपुर्द किया था और इसकी 22 वीं सालगिरह के दिन लोकतंत्र समर्थकों ने एक रैली निकाली थी सुबह 7:20 बजे पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठी चार्ज की थी जो सुबह चार बजे से सड़को पर धरना दे रहे थे।
पुलिस के तरफ से जारी बयान में दावा किया गया कि प्रदर्शनकारियों के पास लोहे की छड़ी और ईंटे थी जो वह नजदीकी निर्माणाधीन साइट से लाये थे और उन्होंने सड़कों पर बैरिकेड लगा दिए थे और ट्रैफिक में बाधा पंहुचायी थी।
पुलिस के बयान के मुताबिक, पुलिस सख्ती से इस गैरकानूनी कृत्य की निंदा करती है और प्रदर्शनकारियों से ईंटों को पुलिस पर न फेंकने और पुलिस की सीमा को पार न करने की चेतावनी देती है। पुलिस प्रदर्शनकारियों से इसे हिंसा में परिवर्तित न करने की अपील करती है। सड़कों को ब्लॉक करना छोड़े और जल्द से जल्द इस परिदृश्य से बाहर हो जाए।”
बीते तीन महीनो से हांगकांग में व्यापक स्तर पर विवादित प्रत्यर्पण विधेयक को लेकर प्रदर्शन हो रहा है। इस बिल के तहत राजनीतिक कार्यकर्ताओं और सरकार से असंतुष्टों को मुख्यभूमि चीन भेजे जाने का भय है। इस बिल का अधिकतर विरोध हांगकांग के कारोबारी समूह ने किया था जो आम तौर पर राजनीति पर तटस्थ रहते हैं और उन्होंने इसके खिलाफ आवाज़ उठायी है।
इस विधेयक को 3 अप्रैल को प्रस्तावित किया गया था। इस बिल का विरोध इसलिए किया जा रहा है क्योंकि हांगकांग की सरजमीं से किसी भी व्यक्ति को राजनीतिक कारणों या कारोबार के अपमान के लिए चीनी विभाग के सुपुर्द किया जा सकता है।
1 जुलाई को ब्रिटिश हुकूमत ने चीन को हांगकांग की बागडोर सौंपी थी और इस दिन हांगकांग में सामान्य तौर पर प्रदर्शन होता है। इस साल प्रदर्शन का स्तर बड़ा था। प्रत्यर्पण बिल के विरोध में लाखों नागरिकों का हुजूम सड़कों पर उतरा था और इसमें पुलिस ने हिंसक कार्रवाई की थी।