हांगकांग (Hong Kong) में चीन (China) के प्रत्यर्पण (Extradition) कानून के खिलाफ जनप्रदर्शन काफी तीव्र हुआ है जिसमे अमेरिका ने भी अपनी राय रखी थी। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प (Donald Trump) और चीनी समकक्षी शी जिनपिंग (Xi Jinping) के बीच आगामी जी 20 के आयोजन में मुलाकात के दौरान हांगकांग में जनप्रदर्शन के बाबत बातचीत की जाएगी।
उन्होंने कहा कि “मेरे ख्याल से हमें जी 20 मुलाकात में राष्ट्रपति शी को देखने का अवसर मिलेगा। मुझे यकीन है कि चर्चा करने वाले मामलो पर यह मामला भी शामिल होगा। हांगकांग में क्या हो रहा है और क्या प्रकट हो रहा है हम देख रहे हैं। हम देख रहे हैं कि हांगकांग की आवाम उन विचारो के बाबत आवाज़ बुलंद कर रही है जिनका वह कद्र करते हैं।”
डोनाल्ड ट्रम्प ने बीते हफ्ते कहा कि “उन्हें उम्मीद है कि प्रदर्शनकारियों और चीन के बीच सब सुलझ जायेगा।” विवादित प्रत्यर्पण कानून के ऐलान के कारण प्रदर्शनकारियों का हुजूम सड़कों पर उमड़ा था और इसे अब स्थगित कर दिया गया है। पोम्पिओ ने कहा कि “राष्ट्रपति हमेशा मानवधिकार के हमेशा से कट्टर रक्षक रहे हैं।”
डोनाल्ड ट्रम्प ने व्यापार युद्ध में चीनी उत्पादों पर व्यापक टैरिफ थोपा है जो उनकी बीजिंग से मुकाबला करने की इच्छाशक्ति को उजागर करता है। उन्होंने कहा कि “रिपब्लिकन, डेमोक्राइस राष्ट्रपतियों के कार्यकाल में यह लम्बे समय तक रहा। हमने चीन कारोबार और अन्य तरीकों में अपना फायदा उठाने की अनुमति दी थी। राष्ट्रपति ट्रम्प ने उनके खिलाफ कठोरता से प्रतिक्रिया दी है।”
जी-20 सम्मेलन का आयोजन का 28-29 जून को जापान के शहर ओसाका में आयोजित होगा। हांगकांग की मुख्य कार्यकारी कैरी लैम ने शनिवार को अपने विवादास्पद प्रस्तावित प्रत्यर्पण कानून के ‘निलंबन’ की घोषणा की थी।
डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा था कि “हांगकांग से अधिक विशाल प्रदर्शन मैने नहीं देखा है। मैंने आज देखा और वाकई इसमें लाखो लोग थे। कई बार लोगो ने इसके बाबत बात की है और उनमे या 2000 प्रदर्शनकारी रहे होंगे, या 1000 या फिर 200 लेकिन इस प्रदर्शन को देखेंगे तो मालूम होगा इसमें लाखो लोग शामिल है।”