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    हांगकांग ने एक विवादित कदम उठाते हुए संसद में एक प्रस्ताव को विरोध के चलते खारिज कर दिया है। इस प्रस्ताव के तहत चीन के राष्ट्रगान का अपनाम करने वाले को तीन साल की जेल की सज़ा के प्रस्तावित कानून को लागू करना था। राष्ट्रगान का अपमान करने वाले को 456000 रुपये जुर्माना व तीन साल की सज़ा हो सकती है।

    इस प्रस्तावित कानून का मकसद हांगकांग में चीनी राष्ट्रगान की गरिमा को बरकरार रखना है। हांगकांग चीन का एक विशेष प्रशासनिक क्षेत्र है।

    रिपोर्ट के अनुसार इस प्रस्ताव के खारिज होने पूर्व हांगकांग के संवैधानिक मामलों के मंत्री पैट्रिक निप तक कुएन ने कहा कि हम केवल कानून को पारित करके लोगों को देशभक्त नहीं बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस कानून को लागू करने के बाद यह नही मापा जाएगा कि कितने लोग इस कानून का उल्लंघन कर रहे हैं। उस कानून का उद्देश्य राष्ट्रगान का अपनाम करने वालों को  इस कीमत का एहसास दिलाना है। मुझे उम्मीद है कि इस प्रस्ताव के लागू होने के बाद अपमान करने के मामलों में कमी आएगी।

    संवैधानिक मंत्री ने दावा किया कि यह कानून अपराधियों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए दो वर्ष तक की अनुमति देता है जबकि अन्य अपराधों में छह माह तक कि समयसीमा दी जाती है। यह बिल यह सुनिश्चित करने की अभी इजाजत देता है कि राष्ट्रगान प्राथमिक व माध्यमिक स्कूलों में भी गाया जाए।

    साल 2014 में एक मैच के दौरान हांगकांग के सैकड़ों प्रशंसकों ने चीन के राष्ट्रगान का अनादर किया था, जिसकी वीडियो फुटेज बीबी जारी की गई थी। हांगकांग चीन की ‘एक राष्ट्र दो प्रणाली’ की नीति को मानता है। चीन एक ही है लेकिन चीनी क्षेत्र अलग है जो अपनी आर्थिक व प्रशासनिक नीतियों को बना सकते हैं।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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