भारत मे चीनी राजदूत सुन वेइडोंग ने कहा कि हांगकांग चीन का अंदरूनी मामला है और वह किसी भी बाहरी ताकत को इस मामले में दखल नही देने देंगे। सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह चीन का आंतरिक मामला है और इसे अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त है। हम किसी भी बाहरी ताकत को इस मामले में दखल देने की अनुमति नही देंगे।”
अमेरिका की तरफ इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि कुछ देश चीन के साथ व्यापार युद्ध को भड़का रहे हैं और खुले तौर पर चीन के आंतरिक के मामले में दखल दे रहा है। हम इसका विरोध करते हैं और अपने हितों की रक्षा के लिए दृढ़ संकल्पित है। हम संयुक्त सम्मान के आधार पर मतभेदों को सम्भालने के इच्छुक है और वार्ता और बातचीत के जरिये मामले को हल करना चाहते है।
हांगकांग में प्रत्यर्पण विधेयक को लेकर बीते दो महीनों से प्रदर्शन का दौर जारी है। हालांकि अब बिल को निलंबित लांर दिया गया है। लेकिन प्रदर्शनकारी पुलिस की स्वयत्तता और लोकतंत्र की मांग कर रहे है।
राजदूत ने भारत चीन के भविष्य के आयामो की तरफ भी इंगित किया था। यह सम्बंध चार आयामो पर टिके हैं, लीडिंग, ट्रंसमिटिंग, शॉपिंग और इंटेगरेटिंग शामिल है। लीडिंग का मतलब दोनो देशो के नेताओं के बीच दूसरी अनौपचारिक वार्ता है।
चीन ने भारत के राजदूत के तौर पर सुन वेइडोंग को नियुक्त किया था। पूर्व राजदूत को चीन ने उप विदेश मंत्री का पदभार सौंपा था। चीन के विदेश मंत्रालय की नीति में सुन डायरेक्टर जनरल की पद पर थे। उन्होंने पाकिस्तान में भी चीन के राजदूत का पद संभाला था और उन्हें दक्षिण एशियाई क्षेत्र का अनुभव भी है।