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    ब्रिटेन ने चीन को मंगलवार को कहा कि “अगर हांगकांग पर सिनो-ब्रिटिश ऐलान का सम्मान नहीं किया गया इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। ब्रिटेन पूर्व ब्रितानी कॉलोनी के नागरिकों के पीछे खड़ा है।” चीन ने हांगकांग में हिंसक प्रदर्शनों आलोचना की थी।

    “एक देश, दो प्रणाली” फार्मूला एक स्पष्टवादी चुनौती है जिसके तहत मुख्यभूमि चीन की हुकूमत में हांगकांग आज़ादी की साँस ले सकेगा। ब्रिटेन के विदेश मंत्री एरेमय हंट ने कहा कि “ब्रिटेन ने साल 1984 में अंतरराष्ट्रीय कानूनी समझौते पर हस्ताक्षर किये थे। जिसके तहत एक देश, द्वी प्रणाली के अंतर्गत हांगकांग की जनता आधारित मूलभूत आज़ादी का लुत्फ़ उठा सकेंगे और हम इस समझौते के पीछे खड़े हैं और हांगकांग की जनता के साथ है।”

    उन्होंने बीबीसी से कहा कि “अगर अंतरराष्ट्रीय कानूनी समझौते का सम्मान नहीं किया आया तो इसके गंभीर परिणाम होंगे।” प्रत्यर्पण संधि को लेकर हांगकांग में बीते हफ्तों से प्रदर्शन जारी है और अब यह हिंसक प्रदर्शन में तब्दील हो गया है। सोमवार को भीड़ को तीतर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस का इस्तेमाल किया था।

    हंग ने कहा कि “हम ब्रिटेन में सभी पक्षों की हिंसा की आलोचना करते हैं और हांगकांग में लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारियों ने मज़बूती से समर्थन किया था जो हमने बीते रोज़ टीवी पर देखा था। लेकिन हम विभागों से दमन के सम्बन्ध में नहीं इस्तेमाल किया जाना चाहिए। यह हांगकांग की जनता की एक गहरी चिंता है कि उनके आधारभूत आज़ादी पर हमला किया गया था।”

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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