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    हवाई जहाज

    हवाई जहाज में सफ़र करते समय एक सबसे बड़ी कमी हमें जो महसूस होती है, वह है इंटरनेट का इस्तेमाल और फोन करना। दरअसल हवाई जहाज के सिग्नल में कोई समस्या ना हो, इस कारण से हवाई जहाज में इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध नहीं होती है। अब हालाँकि सरकार इसे पलटने पर विचार कर रही है।

    दूरसंचार मंत्रालय नें हाल ही में यह घोषणा की है कि अक्टूबर के महीनें से हवाई जहाज कंपनियां यात्रा के दौरान इंटरनेट मुहैया कराने के लिए आवेदन कर सकती हैं।

    मंत्रालय से जुड़े एक अधिकारी नें बताया कि इसके बाद से भारत में उड़ने वाली सभी हवाई जहाज़ों में इंटरनेट और फोन करने की सुविधा उपलब्ध करायी जा सकेगी।

    सिविल एविएशन सेक्रेटरी आर एन चोबे नें बताया कि सरकारी अधिकारीयों और हवाई जहाज कंपनियों के बीच इस मामले को लेकर एक लम्बी मुलाकात हो चुकी है, जिसमें इससे जुड़ी संभावनाओं पर विचार किया गया था।

    उन्होनें बताया कि हवाई यात्रा में इंटरनेट प्रदान करने की सुविधा एक जटिल प्रक्रिया है और इसके लिए कंपनियों को सरकार से लाइसेंस लेना होगा।

    चोबे नें बताया, “दूरसंचार मंत्रालय अक्टूबर के महीनें से इस विषय से सम्बंधित लाइसेंस के लिए आवेदन स्वीकार करेगा।”

    आपको बता दें कि हवाई जहाज में इंटरनेट का इस्तेमाल इसलिए वर्जित होता है क्योंकि हवाई जहाज लगातार रेडियो सिग्नल के जरिये धरती से संपर्क में रहता है। यदि इंटरनेट और कालिंग की सुविधा उपलब्ध हो, तो इनके सिग्नल में टकराव की समस्या हो सकती है, जिससे संपर्क में बाधा हो सकती है।

    अब हालाँकि इस विषय में कियो शौध हो चुके हैं, और ऐसा माना गया है कि कुछ बदलाव करके इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध करायी जा सकती हैं।

    सरकार नें हालाँकि साफ़ किया है कि टेक ऑफ और लैंडिंग के समय इंटरनेट का इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा। लेकिन एक बार जब हवाई जहाज एक निश्चित उंचाई पर पहुँच जाता है, तब इनके इस्तेमाल में कोई समस्या नहीं होगी।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

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