आंधी-तूफान की आशंकाओं को लेकर हरियाणा सरकार ने सभी निजी व सरकारी स्कूलों को 7 व 8 मई को दो दिनों के लिए बन्द रखने का निर्देश दिया है।
मौसम विभाग ने चेतावनी दी थी कि आज यानि 7 मई को हरियाणा, पंजाब, जम्मू व उत्तर प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में भारी आंधी-तूफान की सम्भावना है। साथ ही तेज बारिश के साथ ओला-वृष्टि भी हो सकती है।
हरियाणा सरकार ने प्रशासन को अलर्ट पर रखा है। बच्चों की सुरक्षा के लिए स्कूलों की दो दिनों की छुट्टी कर दी गयी है। पुलिस व एन.डी.आर.एफ की टीमों को भी अलर्ट पर रखा गया है। आम नागरिकों को ज्यादा से ज्यादा घर में रहने की सलाह दी गयी है। साथ ही आंधी-तूफान से संबंधित अन्य दिशा-निर्देश भी आमजनों की सुरक्षा व सहूलियत के लिए जारी किया गए हैं।
कैसे बचें आंधी-तूफान से।
- सबसे पहले अपनर परिवार के लिए एक सुरक्षा किट बनाएं जिसमें जरूरी दवाइयाँ, पट्टियां, टॉर्च, अतिरिक्त बैटरियां, माचिस, सूखा ना खराब होने वाली खाने की सामग्री, बोतल बन्द पानी आदि इकट्ठा कर के रख लें।
- अपने घर के आस पास मौजूद बीमार अथवा कमजोर और सूखे पेड़ों को पहले ही काट कर गिरा दें ताकी तूफान की स्थिति में ये घर या गाड़ियों पर गिरकर किसी का कोई नुकसान ना करें।
- गाड़ियों को खुले में ना छोड़ें, व घर के आसपास अथवा छत पर से ऐसी किसी वस्तु को हटा दें जो तेज हवा में उड़ कर किसी को चोट पहुंचा सकती है।
- तूफान के पहले या दौरान घर में ही रहें व तूफान थमने तक बाहर निकलने के सभी कार्यक्रम स्थगित कर दें।
- खिड़की दरवाजे सुरक्षित ढंग से बन्द कर लें व सभी विद्युत उपकरणों जैसे टीवी, फ्रिज आदि को प्लग से निकाल दें।
राजस्थान व यूपी में आये तूफानों ने भयंकर कहर मचाया। पूर्व सूचना व तैयारियों के अभाव में करीब 100 लोगों की जान चली गयी थी।
ऐसी प्राकृतिक आपदाओं को रोका नहीं जा सकता है पर इनसे होने वाले जान-माल के नुकसान को प्रशासनिक व व्यक्तिगत जागरूकता से कम किया जा सकता है।
क्यों आते हैं ये तूफान?
मौसम विभाग के मुताबिक इन तूफानों की मुख्य वजह पश्चिमी विक्षोभ है।
हालांकि ऐसे तूफानों के बनने के पीछे मुख्य कारण होते हैं।
- अत्याधिक गर्मी
- ठण्डी हवाएँ
- वातावरण में अस्थिरता
पश्चिमी विक्षोभ पश्चिम के सागरों से उठने वाली ठण्डी हवा है। मई व अप्रैल के महीने में जब भारतीय उपमहाद्वीप में बेहद गर्मी पद रही होती है तब पश्चिमी विक्षोभ की ये ठण्डी हवाएँ भारतीय उपमहाद्वीप की तरफ बढ़ती हैं। यही उत्तर भारत के वातावरण में अस्थिरता पैदा करती हैं। क्योंकि गर्म हवा हल्की होकर ऊपर चली जाती है व ठण्डी हवा तेजी से उसकी जगह लेती है जिससे तेज हवाएँ चलती हैं।
मौसम विभाग ने इस बार समय से पहले चेतावनी देकर एक सराहनीय काम किया है। साथ ही प्रशासन भी मुस्तैदी दिखा रहा है। आमजनों के सहयोग से ऐसी आपदाओं में होने वाली तबाही को पूरी तरह खत्म किया जा सकता है।